मीडिया की भूमिका:"चौथा स्तंभ या बस एक भ्रम?"-🕊️➡️📜➡️🌱➡️✨➡️💖➡️🕯️➡️🙏

Started by Atul Kaviraje, September 04, 2025, 02:15:01 PM

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Atul Kaviraje

मीडिया की भूमिका: लोकतंत्र का चौथा स्तंभ या पक्षपाती आवाज?-

हिंदी कविता: "चौथा स्तंभ या बस एक भ्रम?"-

1. पहला चरण 🕊�
लोकतंत्र का चौथा स्तंभ,
तूने ही तो दिखाया था हम।
सच की मशाल तूने जलाई,
जब हर तरफ थी अँधियारी छाई।
अर्थ: मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, जिसने सच की मशाल जलाकर अँधेरे को दूर किया था।

2. दूसरा चरण 📜
पर आज क्यों तू चुप है,
सवालों से क्यों डरता है।
कहीं टीआरपी का लालच,
तुझको ना खा रहा है।
अर्थ: लेकिन आज मीडिया सवालों से क्यों बच रहा है? क्या टीआरपी की होड़ ने उसकी निष्पक्षता को खत्म कर दिया है?

3. तीसरा चरण 🌱
पैसे की चमक ने खींचा,
सच को तूने है खींचा।
राजनीति की है तू आवाज़,
लगता है तूने खोया है अपना राज।
अर्थ: पैसे और राजनीति के प्रभाव में आकर मीडिया ने अपनी निष्पक्षता खो दी है और वह सिर्फ एक पक्ष की आवाज बन गया है।

4. चौथा चरण ✨
फेक न्यूज़ का है ये ज़माना,
सच-झूठ का खेल पुराना।
अंधविश्वास है आज भी,
देखकर भी हम न देख पाए।
अर्थ: आज फेक न्यूज़ का जमाना है, जहाँ सच और झूठ में फर्क करना मुश्किल है। हम आँखें होते हुए भी सच्चाई नहीं देख पा रहे हैं।

5. पांचवां चरण 💖
पर तुझमें है अभी भी जान,
कुछ पत्रकार हैं महान।
जो लड़ रहे हैं सच के लिए,
जनता की आवाज़ के लिए।
अर्थ: लेकिन फिर भी कुछ पत्रकार ऐसे हैं जो सच्चाई के लिए लड़ रहे हैं और जनता की आवाज बन रहे हैं।

6. छठा चरण 🕯�
जाग ए मीडिया, अब जाग,
फिर से जला वह आग।
लोकतंत्र की रक्षा कर,
बन जा फिर से तू प्रहरी।
अर्थ: हे मीडिया, अब जाग जाओ और सच की आग फिर से जलाओ। लोकतंत्र की रक्षा करो और फिर से उसके प्रहरी बनो।

7. सातवां चरण 🙏
जनता भी है अब जागरूक,
नहीं मानेगी हर झूठ।
तू बन जा अब सच का साथी,
फिर से बन जा लोकतंत्र का सारथी।
अर्थ: जनता भी अब जागरूक हो गई है और हर झूठ पर विश्वास नहीं करेगी। इसलिए, मीडिया को सच का साथी बनना चाहिए और लोकतंत्र का सारथी बनना चाहिए।

Emoji सारansh (कविता)
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--अतुल परब
--दिनांक-03.09.2025-बुधवार.
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