वामन जयंती पर कविता-🙏✨

Started by Atul Kaviraje, September 05, 2025, 03:25:54 PM

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Atul Kaviraje

वामन जयंती:-

वामन जयंती पर कविता-

१.
आए विष्णु वामन रूप में,
कश्यप और अदिति के पुत्र रूप में।
अभिमान से भरे राजा बलि को,
ज्ञान देने के लिए यह अवतार हुआ।
🙏✨

२.
दानी राजा बलि ने,
किया यज्ञ का ऐलान।
पहुँचे वामन बटु,
मांगा तीन पग का दान।
🚶�♂️👑

३.
शुक्राचार्य ने पहचाना,
विष्णु हैं बटु रूप में।
पर बलि ने न मानी बात,
वचन दिया खुशी से।
🤝❤️

४.
विष्णु ने बढ़ाया रूप,
एक पग में पृथ्वी, दूसरे में स्वर्ग।
तीसरा पग कहाँ रखूँ,
विष्णु ने पूछा राजा से।
🌍🌌

५.
राजा बलि ने शीश झुकाया,
कहा, मेरे मस्तक पर रखो।
वामन ने पग रखा,
और राजा गए पाताल लोक।
🙇�♂️💧

६.
अहंकारी शीश झुका,
भक्ति से दान जीता।
राजा बलि को वर मिला,
भक्ति का मार्ग मिला।
💫👑

७.
वामन जयंती का दिन,
हम सब मनाते हैं।
विनम्रता और दान का,
संदेश पाते हैं।
💖✨

--अतुल परब
--दिनांक-04.09.2025-गुरुवार.
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