मदन महाराज यात्रा: भक्ति, भाव और परंपरा का संगम-मदन महाराज की महिमा-

Started by Atul Kaviraje, September 05, 2025, 03:26:46 PM

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Atul Kaviraje

मदन महाराज यात्रा-फुल आमला-नंदगाव, अमरावती-

मदन महाराज यात्रा: भक्ति, भाव और परंपरा का संगम-

मदन महाराज की महिमा-

चरण 1:
फूल आमला, नंदगाँव की धरती,
जहाँ मदन महाराज की महिमा है गूँजती।
भक्ति की धारा, हृदय में बसती,
यात्रा का रंग, हर मन में रचती।

अर्थ: अमरावती के फुल आमला-नंदगाँव की धरती पर मदन महाराज की महिमा गूँज रही है। यहाँ हर भक्त के दिल में भगवान के लिए श्रद्धा है और यात्रा का यह रंग हर किसी के मन को भक्ति से भर देता है। 🌸

चरण 2:
पालखी सजी, फूलों की है माला,
भक्तों का समूह, जयकारा लगाता।
ढोल-नगाड़ों की गूँज है निराली,
हर कदम पर खुशियाँ हैं बरसती।

अर्थ: पालकी को फूलों से सजाया गया है और भक्तों का समूह खुशी से जयकारे लगा रहा है। ढोल-नगाड़ों की ध्वनि वातावरण को और भी भक्तिमय बना रही है और हर कदम पर उत्साह और आनंद का अनुभव होता है। 🥁

चरण 3:
नंगे पाँव चलते हैं भक्त सारे,
मन में है श्रद्धा, आँख में आँसू।
जीवन की हर कठिनाई है टलती,
जब मदन महाराज की कृपा मिलती।

अर्थ: भक्त अपनी श्रद्धा प्रकट करने के लिए नंगे पैर चलते हैं। उनकी आँखों में भगवान के लिए प्रेम और विश्वास साफ दिखता है। वे मानते हैं कि मदन महाराज की कृपा से उनके जीवन की सभी मुश्किलें दूर हो जाएँगी। 👣

चरण 4:
मंदिर की शान, अद्भुत है निराली,
कला और संस्कृति की यह कहानी।
हर पत्थर पर आस्था की निशानी,
यहाँ मिलती है दिल को शांति।

अर्थ: मंदिर की सुंदरता और शांति अद्भुत है। यह मंदिर भारतीय कला और संस्कृति का प्रतीक है। मंदिर के हर हिस्से में भक्तों की अटूट आस्था झलकती है और यहाँ आने से मन को बहुत सुकून मिलता है। 🖼�

चरण 5:
महाप्रसाद की है महिमा अपरम्पार,
सब मिलकर करते हैं भोजन-आहार।
गरीब-अमीर का भेद मिटाकर,
भाईचारे का करते हैं संचार।

अर्थ: महाप्रसाद की महिमा अतुलनीय है, जहाँ सभी लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ भोजन करते हैं। यह प्रसाद समानता और भाईचारे का प्रतीक है, जो सभी को एक-दूसरे के करीब लाता है। 🍚

चरण 6:
युवा पीढ़ी भी संग में है चलती,
अपनी जड़ों से यह जुड़ी रहती।
संस्कृति का यह दीपक जलता,
ज्ञान की यह रोशनी है फैलती।

अर्थ: आज की युवा पीढ़ी भी इस यात्रा में उत्साह से भाग लेती है, जिससे यह परंपरा आगे भी जीवित रहेगी। यह यात्रा हमारी संस्कृति का दीपक जलाए रखती है और ज्ञान की रोशनी फैलाती है। 🌟

चरण 7:
यात्रा का समापन, आरती गाकर,
भगवान से माँगे आशीष पाकर।
सुख-शांति और प्रेम का सागर,
मदन महाराज की कृपा सदा रहे।

अर्थ: यात्रा का अंत भव्य आरती के साथ होता है, जहाँ सभी भक्त भगवान से सुख, शांति और प्रेम का आशीर्वाद मांगते हैं। वे प्रार्थना करते हैं कि मदन महाराज की कृपा उन पर हमेशा बनी रहे। 🙏

🙏 सारंश: भक्ति, आनंद, आस्था, एकता, प्रेम, शांति, आशीर्वाद, उत्सव! 🙏

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-04.09.2025-गुरुवार.
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