स्वामी वरदानंद भारती जयंती- हिंदी कविता: वरदानंद की गाथा-

Started by Atul Kaviraje, September 07, 2025, 02:24:15 PM

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Atul Kaviraje

स्वामी वरदानंद भारती जयंती-गोरटा, जिल्हा-नांदेड-

स्वामी वरदानंद भारती जयंती-

हिंदी कविता: वरदानंद की गाथा-

1. वरदानंद नाम तुम्हारा,
नांदेड की धरती पर जन्मे।
ज्ञान की ज्योत जलाई,
जो हर दिल में बस गई।

अर्थ: यह कविता स्वामी वरदानंद भारती के जन्म और उनके ज्ञान के प्रकाश को दर्शाती है। 🌟

2. बचपन से ही मन में था,
प्रभु से मिलने का भाव।
संसार को छोड़ चले,
ढूंढने जीवन का नाव।

अर्थ: इसमें उनके बचपन के आध्यात्मिक झुकाव और गुरु की खोज में घर छोड़ने का वर्णन है। 🚶�♂️

3. तपस्या की राह चुनी,
कष्टों से ना डरे कभी।
आत्म-ज्ञान को पाया,
बन गए संत सबके लिए।

अर्थ: यह छंद उनकी कठोर तपस्या और आत्म-ज्ञान की प्राप्ति को दर्शाता है। 🙏

4. गोरटा बना तीर्थ धाम,
भक्तों का लगा मेला।
आपके नाम से गूंजा,
हर गाँव और शहर।

अर्थ: यह उनके जन्मस्थान गोरटा के एक पवित्र स्थल बनने और उनके भक्तों के प्रेम को दर्शाता है। 💖

5. शिक्षा दी, सेवा की,
हर गरीब का सहारा बने।
आपका जीवन ही संदेश है,
ईश्वर को पाने का।

अर्थ: यह उनके समाज सुधार के कार्यों और उनके जीवन को एक प्रेरणादायक संदेश के रूप में प्रस्तुत करता है। 🤝

6. जयंती पर याद करेंगे,
आपके आदर्शों को।
सत्य और प्रेम के पथ पर,
चलेंगे हर कदम पर।

अर्थ: यह छंद उनकी जयंती पर उनके आदर्शों को याद करने और उन्हें अपने जीवन में अपनाने का संकल्प है। 💪

7. वरदानंद भारती अमर हैं,
हर दिल में रहते हैं।
उनकी शिक्षाएँ सदा,
मार्गदर्शन करती रहेंगी।

अर्थ: यह अंतिम छंद स्वामी जी के अमरत्व और उनकी शिक्षाओं के शाश्वत प्रभाव को दर्शाता है। ♾️

--अतुल परब
--दिनांक-06.09.2025-शनिवार.
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