रथोत्सव पर हिंदी कविता-रथ ☸️, भक्त 🙏, एकता 🤝, खुशी 😊, भक्ति ❤️

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Atul Kaviraje

रथोत्सव-मायणी, तालुका-खटाव-

रथोत्सव पर हिंदी कविता-

१. पहला चरण
रथोत्सव का पर्व आया,
मायणी की धरती मुस्कुराई।
भगवान की सवारी है निकली,
हर दिल में भक्ति समाई।
अर्थ: रथोत्सव का पर्व आया है, मायणी की धरती मुस्कुरा रही है। भगवान की सवारी निकली है और हर दिल में भक्ति समा गई है।

२. दूसरा चरण
फूलों से सजा है रथ,
रंगों की है बहार।
खींच रहे हैं भक्तगण,
भरकर दिल में प्यार।
अर्थ: रथ को फूलों और रंगों से सजाया गया है। भक्तगण अपने दिलों में प्यार भरकर रथ को खींच रहे हैं।

३. तीसरा चरण
ढोल-ताशों की गूँज,
हैं भजन और कीर्तन।
हर तरफ है भक्ति का माहौल,
हो रहा है सबका समर्पण।
अर्थ: ढोल-ताशों की गूंज और भजन-कीर्तन का माहौल है। हर तरफ भक्ति ही भक्ति है और सभी का समर्पण हो रहा है।

४. चौथा चरण
कोई गरीब, कोई अमीर,
सब एक ही लकीर।
सब मिलकर खींच रहे रथ,
हो रही है भक्ति की जीत।
अर्थ: इस उत्सव में कोई गरीब या अमीर नहीं, सब एक ही कतार में खड़े हैं। सब मिलकर रथ खींच रहे हैं, जो भक्ति की जीत है।

५. पाँचवाँ चरण
यह रथ नहीं, जीवन है,
जो मिलकर खींचा जाता है।
एक-दूसरे के सहारे,
यह आगे बढ़ता जाता है।
अर्थ: यह सिर्फ एक रथ नहीं, बल्कि जीवन है जिसे मिलकर खींचा जाता है। एक-दूसरे के सहारे ही यह आगे बढ़ता है।

६. छठा चरण
यह परंपरा है हमारी,
जो पीढ़ियों से चली है।
एकता और भाईचारे की,
यह सच्ची मिसाल बनी है।
अर्थ: यह परंपरा हमारी है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है। यह एकता और भाईचारे का एक सच्चा उदाहरण बनी है।

७. सातवाँ चरण
यह उत्सव का संदेश,
हर दिल में बसाया जाए।
प्यार और सद्भाव का दीप,
घर-घर में जलाया जाए।
अर्थ: इस उत्सव का संदेश हर दिल में बसाया जाए। प्रेम और सद्भाव का दीपक हर घर में जलाया जाए।

इमोजी सारांश: रथ ☸️, भक्त 🙏, एकता 🤝, खुशी 😊, भक्ति ❤️

--अतुल परब
--दिनांक-12.09.2025-शुक्रवार.
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