जाक लैकन (Jacques Lacan):- हिंदी कविता - "जाक लैकन का दर्पण" ✍️-👶🪞➡️💔➡️🗣️➡️

Started by Atul Kaviraje, September 13, 2025, 09:37:17 PM

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Atul Kaviraje

जाक लैकन (Jacques Lacan):-

हिंदी कविता - "जाक लैकन का दर्पण" ✍️-

चरण 1:
एक बच्चा, दर्पण में देखे,
अपनी ही एक नई छवि को लेखे।
शरीर बिखरा, पर छवि पूरी,
यह तो है बस एक झूठी दूरी।
अर्थ: एक शिशु दर्पण में अपनी एकीकृत छवि देखता है, जबकि उसका शरीर बिखरा हुआ महसूस होता है। यह पहचान एक भ्रम है।

चरण 2:
छवि में 'मैं' को वो पाता है,
पर असली 'मैं' से भटक जाता है।
बाहर की दुनिया में खोता है,
यही तो अहं का बीज बोता है।
अर्थ: बच्चा बाहरी छवि से खुद की पहचान स्थापित करता है, जो उसके वास्तविक 'स्व' से दूर ले जाती है। यहीं से अहं की शुरुआत होती है।

चरण 3:
अचेतन है एक भाषा का जाल,
शब्दों से बुना हुआ हर हाल।
नियमों से चलता, करता है बात,
जैसे स्वप्नों की होती है रात।
अर्थ: लैकन के अनुसार, अचेतन दबी हुई भावनाओं का नहीं, बल्कि एक भाषाई संरचना का जाल है, जो प्रतीकों के माध्यम से संवाद करता है।

चरण 4:
इच्छा नहीं है पाने की चाह,
वो तो है एक गहरा अभाव।
जो भरा न जाए कभी भी,
यही तो है जीवन का बहाव।
अर्थ: हमारी इच्छा किसी वस्तु को पाने की चाह नहीं है, बल्कि यह एक मौलिक कमी से पैदा होती है, जो कभी पूरी नहीं हो सकती।

चरण 5:
तीन दुनिया, तीन हैं आयाम,
वास्तविक, काल्पनिक, प्रतीकात्मक नाम।
एक में सच, दूजे में छवि का खेल,
तीजे में है भाषा और मेल।
अर्थ: लैकन ने तीन मनो-संरचनाएं दीं: 'वास्तविक' (जो व्यक्त नहीं हो सकता), 'काल्पनिक' (छवि और भ्रम) और 'प्रतीकात्मक' (भाषा और समाज)।

चरण 6:
बड़ा अन्य, वो समाज का नियम,
जो हमारे मन को करता है नियत।
उसकी इच्छा ही हमारी पहचान,
इसी से होता है हमारा निदान।
अर्थ: 'बड़ा अन्य' समाज और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है, जो हमारी इच्छाओं और पहचान को आकार देता है।

चरण 7:
कठिन है समझना उसकी बात,
पर गहरी है उसकी हर एक घात।
ज्ञान की दुनिया को उसने बदला,
फ्रायड के बाद, लैकन ही था सबला।
अर्थ: लैकन के सिद्धांत जटिल हैं, लेकिन उन्होंने मनोविश्लेषण और ज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया।

कविता इमोजी सारांश: 👶🪞➡️💔➡️🗣�➡️🌀➡️🧠➡️❓➡️🏆

👶🪞: दर्पण चरण और पहचान

💔: अभाव और इच्छा

🗣�: अचेतन और भाषा

🌀: जटिलता और भ्रम

🧠: दार्शनिक विचार

❓: प्रश्न और खोज

🏆: प्रभाव और सफलता

--अतुल परब
--दिनांक-13.09.2025-शनिवार.
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