श्री ज्ञानेश्वरी जयंती: ज्ञान-सूर्य के प्रकाश का उत्सव- 🌸 -

Started by Atul Kaviraje, September 14, 2025, 02:47:20 PM

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Atul Kaviraje

श्री ज्ञानेश्वरी जयंती-

श्री ज्ञानेश्वरी जयंती: ज्ञान-सूर्य के प्रकाश का उत्सव-

🌸 श्री ज्ञानेश्वरी जयंती पर कविता 🌸-

1. ज्ञान-सूर्य है संत ज्ञानेश्वर,
अमृतवाणी है उनकी ज्ञानेश्वरी।
ज्ञान की ज्योति उन्होंने जलाई,
अंधकार से मुक्ति दिलाई।
(अर्थ: संत ज्ञानेश्वर ज्ञान के सूर्य हैं, और उनकी 'ज्ञानेश्वरी' अमृतवाणी है। उन्होंने ज्ञान की ज्योति जलाई, और लोगों को अज्ञान के अंधकार से मुक्ति दिलाई।)

2. पैठण की भूमि पर जन्मे,
ज्ञान का सागर उन्होंने भर दिया।
भैंसे से वेद पढ़वाकर,
जग को अपना चमत्कार दिखाया।
(अर्थ: पैठण की भूमि पर उनका जन्म हुआ, और उन्होंने ज्ञान का सागर भर दिया। उन्होंने एक भैंसे से वेद पढ़वाकर दुनिया को अपनी आध्यात्मिक शक्ति का चमत्कार दिखाया।)

3. मराठी भाषा को दिया मान,
गीता का दिया सरल ज्ञान।
हर घर में आज गूँजे वाणी,
ज्ञानेश्वरी की पवित्र कहानी।
(अर्थ: उन्होंने मराठी भाषा को सम्मान दिया और गीता का ज्ञान सरल भाषा में समझाया। आज भी हर घर में उनकी वाणी गूंजती है, जो ज्ञानेश्वरी की पवित्र कहानी है।)

4. भक्ति और ज्ञान का संगम,
उनके जीवन का है यह सार।
सच्चे मार्ग पर चलना सिखाया,
दिया जीवन का आधार।
(अर्थ: भक्ति और ज्ञान का संगम उनके जीवन का सार है। उन्होंने हमें सही रास्ते पर चलना सिखाया और हमारे जीवन को एक मजबूत आधार दिया।)

5. पालखी यात्रा चली है आज,
भक्तों का लगा है ताज।
जय जय राम कृष्ण हरी,
हर ओर गूँजे जय जय हरी।
(अर्थ: आज पालकी यात्रा निकाली जा रही है, जो भक्तों के लिए एक ताज जैसा है। हर जगह 'जय जय राम कृष्ण हरी' और 'जय जय हरी' का जयघोष गूंज रहा है।)

6. शनिवार का यह पावन दिन,
बढ़ गया है इसका मान।
ज्ञान और कर्म का हो मेल,
बनाए जीवन को महान।
(अर्थ: आज शनिवार का पावन दिन है, जिसका महत्व बढ़ गया है। ज्ञान और कर्म का यह मिलन जीवन को महान बनाता है।)

7. आओ करें ये संकल्प,
सद्भावना और प्रेम का दीप जलाएँ।
ज्ञानेश्वरी का ज्ञान अपनाएँ,
जीवन को सार्थक बनाएँ।
(अर्थ: आइए हम यह संकल्प लें कि हम सद्भावना और प्रेम का दीपक जलाएंगे। ज्ञानेश्वरी के ज्ञान को अपनाकर अपने जीवन को सार्थक बनाएंगे।)

--अतुल परब
--दिनांक-13.09.2025-शनिवार.
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