चिद्दन स्वामी पुण्यतिथि: कवाड की पावन भूमि पर एक आध्यात्मिक उत्सव-🌸

Started by Atul Kaviraje, September 14, 2025, 02:48:01 PM

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Atul Kaviraje

चिद्दन स्वामी पुण्यतिथी-कवाड-

चिद्दन स्वामी पुण्यतिथि: कवाड की पावन भूमि पर एक आध्यात्मिक उत्सव-

🌸 चिद्दन स्वामी पर कविता 🌸-

1. कवाड की पावन धरा,
जहाँ चिद्दन स्वामी विराजे।
ज्ञान और भक्ति की ज्योति जली,
हर दिशा में खुशियाँ फैले।
(अर्थ: कवाड की पवित्र भूमि पर, जहाँ चिद्दन स्वामी विराजमान हैं। वहाँ ज्ञान और भक्ति की ज्योति जली, जिससे हर दिशा में खुशियाँ फैलती हैं।)

2. सेवा का था उनका धर्म,
प्रेम का था उनका कर्म।
जाति-भेद उन्होंने मिटाए,
सबको एक सूत्र में बाँधे।
(अर्थ: सेवा ही उनका धर्म था, और प्रेम उनका कर्म था। उन्होंने जाति और भेदभाव को मिटाकर सभी को एक साथ जोड़ा।)

3. पुण्यतिथि का यह खास दिन,
याद दिलाए उनका जीवन।
हर भक्त मन से गाए भजन,
मिले सबको आत्मिक सुकून।
(अर्थ: पुण्यतिथि का यह खास दिन हमें उनके जीवन की याद दिलाता है। हर भक्त मन से भजन गाता है, जिससे सबको आत्मिक शांति मिलती है।)

4. बेलगाम की भूमि हुई धन्य,
जहाँ हुए ये संत धन्य।
आज भी उनकी वाणी गूँजे,
सच्चाई का मार्ग सूझे।
(अर्थ: बेलगाम की भूमि धन्य हो गई, जहाँ ऐसे महान संत हुए। आज भी उनकी वाणी गूंजती है और हमें सच्चाई का रास्ता दिखाती है।)

5. भीड़ उमड़ी है आज यहाँ,
श्रद्धा का है ये प्रमाण।
दूर-दराज से आए लोग,
भूल गए सारे कष्ट और रोग।
(अर्थ: आज यहाँ भक्तों की भीड़ उमड़ी है, जो उनकी श्रद्धा का प्रमाण है। दूर-दराज से आए लोग अपने सारे दुख और रोग भूल गए हैं।)

6. शनिवार का है यह दिन,
पावन हुआ यह पुण्य।
शनि की कृपा मिले सबको,
मिट जाए जीवन का दुःख।
(अर्थ: आज शनिवार का दिन है, जिससे यह पुण्य और भी पावन हो गया है। शनि की कृपा सभी को मिले और जीवन के सभी दुःख दूर हों।)

7. आओ करें ये संकल्प,
चलें उनके बताए रास्ते पर।
मानवता की सेवा करें,
जीवन को सफल बनाएँ।
(अर्थ: आइए हम यह संकल्प लें कि हम उनके बताए हुए रास्ते पर चलेंगे। मानवता की सेवा कर अपने जीवन को सफल बनाएंगे।)

--अतुल परब
--दिनांक-13.09.2025-शनिवार.
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