हनुमान का जीवन और उनका पराक्रम एवं साहस- 🌸 हनुमान जी पर कविता 🌸-

Started by Atul Kaviraje, September 14, 2025, 04:10:17 PM

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Atul Kaviraje

हनुमान का जीवन और उनका पराक्रम एवं साहस-

🌸 हनुमान जी पर कविता 🌸-

1. पवनपुत्र हैं अंजनी के लाल,
हनुमान हैं सबसे बलवान।
राम नाम का जप है जिनका,
साहस और वीरता की पहचान।
(अर्थ: वे अंजना के पुत्र और पवन के लाल हैं, हनुमान सबसे शक्तिशाली हैं। राम का नाम जपना ही उनका जीवन है, और वे साहस और वीरता की पहचान हैं।)

2. बचपन में सूर्य को पकड़ा,
समझा उसको मीठा फल।
देवताओं ने वरदान दिए,
बनाया उनको अचल।
(अर्थ: बचपन में उन्होंने सूर्य को पकड़ा, उसे एक मीठा फल समझकर। देवताओं ने उन्हें वरदान दिए, और उन्हें अजेय बनाया।)

3. राम मिले जब किष्किंधा में,
भक्ति का नया अध्याय खुला।
सीता की खोज में निकले,
सागर को पल में लाँघा।
(अर्थ: जब वे किष्किंधा में राम से मिले, तो भक्ति का एक नया अध्याय शुरू हुआ। सीता को खोजने के लिए, उन्होंने एक पल में विशाल सागर को पार कर लिया।)

4. लंका में जाकर मचाया हाहाकार,
अशोक वाटिका को किया बेहाल।
जलाई सोने की लंका,
बदल दिया पूरा हाल।
(अर्थ: उन्होंने लंका में हाहाकार मचाया, अशोक वाटिका को तहस-नहस किया। सोने की लंका को जला दिया, जिससे पूरी स्थिति बदल गई।)

5. लक्ष्मण जब मूर्छित हुए,
दौड़े हनुमान हिमालय पर।
संजीवनी बूटी की पहचान न कर पाए,
पूरा पर्वत उठा लाए कंधे पर।
(अर्थ: जब लक्ष्मण मूर्छित हुए, तो हनुमान हिमालय की ओर दौड़े। वे संजीवनी बूटी की पहचान नहीं कर पाए, तो उन्होंने पूरा पर्वत अपने कंधे पर उठा लिया।)

6. भक्ति में है ऐसी शक्ति,
राम के नाम का सहारा।
कोई भी काम न मुश्किल लगे,
मिलेगा हर दुख से किनारा।
(अर्थ: भक्ति में ऐसी शक्ति होती है, राम के नाम का सहारा लेकर। कोई भी काम मुश्किल नहीं लगता और हर दुख से मुक्ति मिलती है।)

7. आओ सीखें हम भी उनसे,
सच्चे मन से करें सेवा।
साहस और बल बढ़ाएँ,
जीवन को बनाएँ देवा।
(अर्थ: आइए हम भी उनसे सीखें, सच्चे मन से सेवा करें। साहस और शक्ति बढ़ाएं और अपने जीवन को पवित्र बनाएं।)

--अतुल परब
--दिनांक-13.09.2025-शनिवार.
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