मध्यअष्टमी श्राद्ध- अष्टमी श्राद्ध: भक्ति और आस्था का महापर्व-

Started by Atul Kaviraje, September 15, 2025, 04:01:33 PM

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Atul Kaviraje

अष्टमी श्राद्ध/मध्यअष्टमी श्राद्ध-

अष्टमी श्राद्ध: भक्ति और आस्था का महापर्व-

अष्टमी श्राद्ध: हिंदी कविता-

१.
आज अष्टमी श्राद्ध का दिन, है पावन यह वेला,
पूर्वजों को याद करने का, आया शुभ अवसर है।
हाथ जोड़कर करते हैं, उनको हम प्रणाम,
आशीर्वाद मिले सबका, यही है हमारा काम।
🕊� (अर्थ: आज अष्टमी श्राद्ध का पवित्र दिन है, यह पूर्वजों को याद करने का अच्छा अवसर है। हम उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं और उनसे आशीर्वाद चाहते हैं।)

२.
जल में तिल मिलाकर, करते हम तर्पण,
श्रद्धा और भक्ति से, करते हैं अर्पण।
पिंड बनाकर देते हैं, उन्हें अपना मान,
पूर्वजों को शांति मिले, यही है हमारा ध्यान।
💧 (अर्थ: हम पानी में तिल मिलाकर तर्पण करते हैं, और श्रद्धा भाव से पिंड बनाकर पूर्वजों को देते हैं। हमारा उद्देश्य है कि उनकी आत्मा को शांति मिले।)

३.
ब्राह्मण भोजन कराते, सम्मान से अपने घर,
उनका आशीर्वाद मिले, हर एक कदम पर।
पितृ दोष हो दूर, सब कष्ट मिट जाएँ,
जीवन में सुख-शांति, और समृद्धि आए।
🍚 (अर्थ: हम सम्मान के साथ ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं, जिससे उनका आशीर्वाद मिले। इससे पितृ दोष दूर होता है और जीवन में सुख-शांति आती है।)

४.
कौवों को खिलाते हैं, देते हैं हम ग्रास,
गाय को भी देते हैं, यही है विश्वास।
पूर्वजों की आत्माएं, करती हैं विचरण,
प्रसन्न होकर देती हैं, हमें आशीर्वाद का कण।
🐄 (अर्थ: हम कौवों और गाय को भी भोजन देते हैं, इस विश्वास के साथ कि यह पूर्वजों तक पहुंचेगा। प्रसन्न होकर वे हमें आशीर्वाद देते हैं।)

५.
ये तो बस एक रिवाज़ नहीं, है ये एक भावना,
पूर्वजों के प्रति अपनी, सच्ची है ये कामना।
याद करके उन्हें, हम करते हैं आभार,
जीवन में मिले हमें, उनका सच्चा प्यार।
💖 (अर्थ: यह सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि हमारे पूर्वजों के प्रति सच्ची भावना है। हम उन्हें याद करके आभार व्यक्त करते हैं और उनसे सच्चा प्यार पाते हैं।)

६.
आज का दिन है ऐसा, जो जोड़े हमें उनसे,
जो चले गए हैं हमसे, दूर हो गए हैं हमसे।
उनकी याद में करते हैं, ये सारे अनुष्ठान,
ताकि उनकी आत्माएं, रहें हमेशा शांत।
🙏 (अर्थ: आज का दिन हमें उन पूर्वजों से जोड़ता है जो हमसे दूर चले गए हैं। हम उनकी आत्मा की शांति के लिए यह अनुष्ठान करते हैं।)

७.
श्रद्धा और भक्ति का, है ये महापर्व,
हमारा यह कर्तव्य, हमारा यह गौरव।
पितृ पक्ष की अष्टमी, हमें यह सिखाती है,
सम्मान करें पूर्वजों का, यही बात बताती है।
✨ (अर्थ: यह श्राद्ध श्रद्धा और भक्ति का एक बड़ा पर्व है। यह हमारा कर्तव्य और गौरव है कि हम अपने पूर्वजों का सम्मान करें।)

--अतुल परब
--दिनांक-14.09.2025-रविवार.
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