तुळजापूर- भवानीदेवी निद्राकाल: आध्यात्मिकता और भक्ति का अद्भुत समय-

Started by Atul Kaviraje, September 15, 2025, 04:03:27 PM

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Atul Kaviraje

भवानीदेवी निद्राकाल प्रIरंभ-तुळजापूर-

भवानीदेवी निद्राकाल: आध्यात्मिकता और भक्ति का अद्भुत समय-

भवानीदेवी निद्राकाल: हिंदी कविता-

१.
तुलजापुर की रानी, भवानी है नाम,
आज से शुरू हुआ, माँ का विश्राम।
निद्राकाल का है ये, अद्भुत समय,
भक्ति की धारा में, बहते हम सब प्रेम।
🌸 (अर्थ: तुलजापुर की रानी, भवानी देवी का आज से विश्राम काल शुरू हो रहा है। यह भक्ति का एक अद्भुत समय है, जिसमें हम सब प्रेम की धारा में बहते हैं।)

२.
चार महीनों तक माँ, करती हैं विश्राम,
मंदिर में रुक जाते, आरती और काम।
पालने में बैठी माँ, देती हैं आशीर्वाद,
भक्तों के मन में, बसती हैं हमेशा।
😴 (अर्थ: चार महीनों तक माँ विश्राम करती हैं, और मंदिर में आरती रुक जाती है। पालने में बैठी माँ हमेशा भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।)

३.
गर्भगृह से उठकर, माँ चली अपने धाम,
मन से पूजा करते हैं, भक्त सुबह-शाम।
कोई मंदिर में बैठे, कोई घर पे करे जप,
देवी का हर रूप, है हर जगह पर।
🏡 (अर्थ: माँ गर्भगृह से चली जाती हैं, और भक्त मन से ही उनकी पूजा करते हैं। कोई मंदिर में बैठकर तो कोई घर में जप करता है, क्योंकि देवी का हर रूप हर जगह मौजूद है।)

४.
यह तो बस एक रीत नहीं, यह है एक विश्वास,
ईश्वर है हर जगह, यही है सच्चा एहसास।
मन में बसा है तू, यह है मेरा ज्ञान,
तेरे नाम का जप, है मेरा हर ध्यान।
🧘�♀️ (अर्थ: यह सिर्फ एक रस्म नहीं है, यह एक विश्वास है कि ईश्वर हर जगह है। मेरे मन में तुम बसी हो, यह मेरा ज्ञान है, और तुम्हारे नाम का जप ही मेरा ध्यान है।)

५.
फूलों से सजा पालना, माँ की है तैयारी,
चार माह की भक्ति, है बहुत ही प्यारी।
हर दिन तेरी याद में, करते हैं हम ध्यान,
भवानी माँ, तू ही है, हमारा अभिमान।
💐 (अर्थ: फूलों से सजा पालना माँ के लिए तैयार है। चार महीनों की भक्ति बहुत प्यारी होती है। हर दिन हम आपकी याद में ध्यान करते हैं। हे भवानी माँ, तुम ही हमारा अभिमान हो।)

६.
चातुर्मास का ये समय, है तपस्या का काल,
व्रत और साधना में, गुजरती हर चाल।
ये तो बस एक दूरी नहीं, है ये एक परीक्षा,
सच्ची भक्ति की ये, है एक शिक्षा।
🕉� (अर्थ: चातुर्मास का यह समय तपस्या का काल है, जिसमें हम व्रत और साधना करते हैं। यह दूरी नहीं, बल्कि हमारी सच्ची भक्ति की परीक्षा है।)

७.
निद्राकाल के अंत में, जब आएगी तू,
खुशियों से भर जाएगा, मेरा सारा मन।
भवानी माँ, तेरा इंतजार है,
तू आएगी तो ही, हर सपना साकार है।
✨ (अर्थ: निद्राकाल के अंत में, जब आप वापस आएंगी, तो मेरा मन खुशियों से भर जाएगा। भवानी माँ, हमें आपका इंतजार है, क्योंकि आपके आने पर ही हर सपना साकार होता है।)

--अतुल परब
--दिनांक-14.09.2025-रविवार.
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