उपळेकर महाराज की पुण्यतिथि: भक्ति और ज्ञान का संगम-

Started by Atul Kaviraje, September 15, 2025, 04:04:08 PM

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Atul Kaviraje

उपळेकर महाराज की पुण्यतिथि: भक्ति और ज्ञान का संगम-

उपळेकर महाराज पुण्यतिथी: हिंदी कविता-

१.
फलटण की धरती पे, एक संत महान,
उपळेकर महाराज, जिनका है ये धाम।
आज पुण्यतिथी उनकी, करते हम याद,
ज्ञान और भक्ति का, मिला हमें स्वाद।
🙏 (अर्थ: फलटण की धरती पर एक महान संत उपळेकर महाराज, जिनका यह धाम है। आज उनकी पुण्यतिथी पर हम उन्हें याद करते हैं, और हमें ज्ञान और भक्ति का स्वाद मिला।)

२.
वारी के संप्रदाय का, थे वो एक आधार,
हर दिल में भरते थे, वो सच्चा प्यार।
संतों की वाणी का, करते थे वो गुणगान,
हर इंसान में देखते थे, ईश्वर का रूप।
💖 (अर्थ: वे वारकरी संप्रदाय का आधार थे, हर दिल में सच्चा प्यार भरते थे। वे संतों की वाणी का गुणगान करते थे और हर इंसान में ईश्वर का रूप देखते थे।)

३.
ज्ञान और भक्ति, दोनों थे उनके संग,
जीवन को भरते थे, हर एक नए रंग।
कहते थे वो हमेशा, करो आत्म-ध्यान,
अपने अंदर ही बसता है, प्रभु का ये ज्ञान।
🧘�♂️ (अर्थ: ज्ञान और भक्ति दोनों उनके साथ थे, जो जीवन को नए रंगों से भरते थे। वे हमेशा आत्म-ध्यान करने को कहते थे, क्योंकि प्रभु का ज्ञान हमारे अंदर ही बसता है।)

४.
सत्य का मार्ग दिखाया, सादगी का पाठ पढ़ाया,
लोभ और मोह से, दूर रहना सिखाया।
तुम्हारे उपदेशों में, है गहरा सार,
आज भी करते हैं, हम सब तेरा आभार।
✨ (अर्थ: उन्होंने सत्य का मार्ग दिखाया और सादगी का पाठ पढ़ाया। लोभ और मोह से दूर रहना सिखाया। तुम्हारे उपदेशों में गहरा सार है, और आज भी हम सब तुम्हारा आभार व्यक्त करते हैं।)

५.
पुण्यतिथी पे करते हैं, कीर्तन और भजन,
तुम्हारे नाम का, करते हैं हम जप।
पालखी निकलती है, गलियों से होकर,
हर मन को शांति मिले, तेरा नाम लेकर।
🎶 (अर्थ: पुण्यतिथी पर हम कीर्तन और भजन करते हैं। तुम्हारे नाम का जप करते हैं। पालखी गलियों से होकर निकलती है, और तुम्हारा नाम लेकर हर मन को शांति मिलती है।)

६.
फलटण की ये पावन भूमि, है तेरी ही देन,
यहाँ आकर मिलता है, मन को सुकून।
तेरे समाधी स्थल पे, करते हैं हम ध्यान,
तू है हमारा गुरु, तू ही हमारा ज्ञान।
🕊� (अर्थ: फलटण की यह पवित्र भूमि तुम्हारी ही देन है। यहाँ आकर मन को सुकून मिलता है। तुम्हारे समाधी स्थल पर हम ध्यान करते हैं। तुम ही हमारे गुरु हो, तुम ही हमारा ज्ञान हो।)

७.
आशीर्वाद मिले सबका, यही है प्रार्थना,
जीवन में हो सुख-शांति, और ये एक कामना।
उपळेकर महाराज, तू ही है महान,
तेरी शिक्षाओं का, करेंगे हम सम्मान।
🙏 (अर्थ: सबका आशीर्वाद मिले, यही हमारी प्रार्थना है। जीवन में सुख-शांति हो, यही हमारी कामना है। उपळेकर महाराज, तुम महान हो, और हम तुम्हारी शिक्षाओं का सम्मान करेंगे।)

--अतुल परब
--दिनांक-14.09.2025-रविवार.
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