राष्ट्रीय भोजन ही औषधि है दिवस: स्वास्थ्य का मंत्र-रविवार, 14 सितंबर, 2025-

Started by Atul Kaviraje, September 15, 2025, 04:20:56 PM

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Atul Kaviraje

राष्ट्रीय भोजन ही औषधि है दिवस: स्वास्थ्य का मंत्र-

आज, रविवार, 14 सितंबर, 2025 को पूरे भारत में 'राष्ट्रीय भोजन ही औषधि है दिवस' मनाया जा रहा है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारा स्वास्थ्य अच्छा बनाए रखने के लिए सही आहार कितना महत्वपूर्ण है। यह दिन सिर्फ एक औपचारिक उत्सव नहीं है, बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली और पौष्टिक आहार के बारे में जागरूकता पैदा करने का एक प्रयास है। 'भोजन ही दवा है' के सिद्धांत पर आधारित यह दिन हमें सिखाता है कि बीमारी का इलाज करने के बजाय, सही आहार से उन्हें रोकना अधिक महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रीय भोजन ही औषधि है दिवस: 10 प्रमुख बिंदु

'भोजन ही औषधि है' का अर्थ:
इस सिद्धांत की शुरुआत ग्रीक चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स ने की थी, जिन्होंने कहा था, "आपका भोजन ही आपकी दवा हो।"

इसका मतलब है कि पौष्टिक आहार लेकर हम कई बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं।

यह एक निवारक दृष्टिकोण है, जो इलाज के बजाय रोकथाम पर अधिक जोर देता है।

पौष्टिक आहार का महत्व:
संतुलित आहार शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व देता है, जिससे शरीर स्वस्थ और मजबूत रहता है।

इसमें ताजे फल, सब्जियां, अनाज, दालें और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ होने चाहिए।

इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है।

स्वस्थ भोजन और बीमारियां:
मधुमेह: कम चीनी और अधिक फाइबर वाले खाद्य पदार्थ मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

हृदय रोग: कम वसा वाला और उच्च फाइबर वाला आहार हृदय को स्वस्थ रखता है।

उच्च रक्तचाप: कम नमक और पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं।

भारतीय पारंपरिक भोजन:
भारतीय खाद्य पदार्थ मसाले, हल्दी, अदरक और लहसुन जैसे औषधीय गुणों से भरपूर हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, हर खाद्य पदार्थ के औषधीय गुण होते हैं।

उदाहरण के लिए, हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जबकि अदरक पाचन में सुधार करता है।

सादा और सात्विक भोजन:
सादा और सात्विक भोजन, जो घर पर तैयार किया जाता है, स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

अत्यधिक मसालेदार और प्रसंस्कृत (processed) खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, क्योंकि वे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।

जागरूकता बढ़ाने के कार्यक्रम:
इस दिन स्कूल, कॉलेज और स्वास्थ्य संस्थानों में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

छात्रों को पौष्टिक आहार का महत्व बताया जाता है और स्वस्थ भोजन कैसे तैयार करें, यह सिखाया जाता है।

सोशल मीडिया के माध्यम से भी इसके बारे में जागरूकता फैलाई जाती है।

आहार में विविधता:
अपने आहार में विभिन्न रंगीन फलों और सब्जियों को शामिल करना आवश्यक है।

हर रंग अलग-अलग पोषक तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है, जो शरीर के लिए महत्वपूर्ण हैं।

किसानों का योगदान:
यह दिन किसानों के योगदान को भी सम्मानपूर्वक याद करने का है, जो हमें ताज़ा और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराते हैं।

उनकी कड़ी मेहनत के कारण ही हमें विभिन्न प्रकार का भोजन मिलता है।

भोजन ही दवा कैसे है?
निवारक: सही आहार बीमारियों को होने से रोकता है।

उपचारात्मक: कुछ बीमारियों में, सही आहार दवा की तरह काम करता है।

पूरक: अक्सर, आहार दवाओं के साथ पूरक के रूप में काम करता है, जिससे जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है।

निष्कर्ष:
'भोजन ही औषधि है' सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है।

अपने दैनिक जीवन में पौष्टिक आहार को अपनाकर हम एक स्वस्थ, खुशहाल और समृद्ध जीवन जी सकते हैं।

आइए, इस दिन हम सभी स्वस्थ खाने और स्वस्थ जीवन जीने का संकल्प लें।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-14.09.2025-रविवार.
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