नवमी श्राद्ध: पूर्वजों का स्मरण और सम्मान-

Started by Atul Kaviraje, September 16, 2025, 04:01:03 PM

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Atul Kaviraje

नवमी श्राद्ध-

नवमी श्राद्ध: पूर्वजों का स्मरण और सम्मान-

नवमी श्राद्ध पर कविता-

(1)
नवमी तिथि आज आई है,
पितृ पक्ष की गाथा लाई है।
पूर्वजों को सम्मान देने,
यह परंपरा हमें सिखाई है।
अर्थ: आज नवमी की तिथि आई है, जो पितृ पक्ष की कहानियों को साथ लाई है। यह परंपरा हमें अपने पूर्वजों का सम्मान करना सिखाती है।

(2)
उन माताओं की याद में,
जिनका ऋण है हम पर भारी।
श्रद्धा और भक्ति के धागे से,
उनकी आत्मा को शांति दे हमारी।
अर्थ: उन माताओं की याद में जिनका हमारे ऊपर भारी ऋण है, हम श्रद्धा और भक्ति से उनकी आत्मा को शांति देते हैं।

(3)
पिंड दान और तर्पण करके,
हम अपनी श्रद्धा को दिखाते हैं।
उनके दिए संस्कारों को,
अपने जीवन में अपनाते हैं।
अर्थ: पिंडदान और तर्पण करके, हम अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं और उनके दिए गए संस्कारों को अपने जीवन में अपनाते हैं।

(4)
सात्विक भोजन का भोग लगाकर,
ब्राह्मणों को आदर से बुलाते हैं।
यह हमारी परंपरा है,
जिसे हम पीढ़ियों से निभाते हैं।
अर्थ: सात्विक भोजन का भोग लगाकर, हम ब्राह्मणों को आदर के साथ भोजन कराते हैं। यह हमारी परंपरा है, जिसका हम पीढ़ियों से पालन कर रहे हैं।

(5)
पितृ दोष का निवारण हो,
घर में खुशियों का वास हो।
पूर्वजों का आशीर्वाद सदा,
हमारे सिर पर हो।
अर्थ: यह श्राद्ध करने से पितृ दोष दूर होता है, घर में खुशियाँ आती हैं और हमारे पूर्वजों का आशीर्वाद हमेशा हमारे ऊपर बना रहता है।

(6)
कौवे और गाय को भोजन देकर,
हम श्रद्धा का कर्म निभाते हैं।
इस पवित्र अनुष्ठान से,
हम अपनी संस्कृति को बचाते हैं।
अर्थ: कौवों और गाय को भोजन देकर हम अपनी श्रद्धा का कर्म पूरा करते हैं और इस पवित्र अनुष्ठान से अपनी संस्कृति को जीवित रखते हैं।

(7)
यह सिर्फ एक दिन नहीं,
यह है सम्मान का पर्व।
नवमी श्राद्ध का महत्व,
यह है हमारी भक्ति का गर्व।
अर्थ: यह सिर्फ एक दिन नहीं है, बल्कि यह सम्मान और गर्व का पर्व है, जो हमें हमारी भक्ति और परंपरा का महत्व बताता है।

--अतुल परब
--दिनांक-15.09.2025-सोमवार.
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