वृद्धजनों का सम्मान दिवस: अनुभवों का खजाना और आशीर्वाद का पर्व-

Started by Atul Kaviraje, September 16, 2025, 04:05:46 PM

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Atul Kaviraje

वृद्धजनों का सम्मान दिवस-प्रशंसा-जागरूकता, बुजुर्ग, परिवार-

वृद्धजनों का सम्मान दिवस: अनुभवों का खजाना और आशीर्वाद का पर्व-

वृद्धजनों पर कविता-

(1)
जीवन के अनुभवों का सागर,
ज्ञान का जो है भंडार।
वृद्धजनों का सम्मान करें,
यह है हमारा सच्चा धर्म।
अर्थ: वृद्धजन जीवन के अनुभवों का सागर और ज्ञान का भंडार हैं। उनका सम्मान करना हमारा सच्चा धर्म है।

(2)
बचपन में हमें उन्होंने,
उँगली पकड़कर चलना सिखाया।
आज जब वे बूढ़े हुए हैं,
हमारा फर्ज है उन्हें सहारा देना।
अर्थ: बचपन में उन्होंने हमें उंगली पकड़कर चलना सिखाया। आज जब वे बूढ़े हो गए हैं, हमारा फर्ज है कि हम उन्हें सहारा दें।

(3)
उनकी बातें हैं कहानियाँ,
जो देती हैं जीवन को ज्ञान।
उनके आशीर्वाद से ही,
मिलता है हमें हर मुकाम।
अर्थ: उनकी बातें कहानियों के समान हैं जो हमें जीवन का ज्ञान देती हैं। उनके आशीर्वाद से ही हमें हर मुकाम मिलता है।

(4)
अकेलेपन का दर्द सहते,
कभी-कभी वे मौन होते हैं।
हमारा फर्ज है उनके साथ रहना,
और उनके मन को खुश रखना।
अर्थ: वे अकेलेपन का दर्द सहते हैं और कभी-कभी मौन हो जाते हैं। हमारा फर्ज है कि हम उनके साथ रहें और उनके मन को खुश रखें।

(5)
उनकी आँखों में देखो,
बचपन की झलक मिलेगी।
वे हमारे भविष्य के लिए,
अपने आज को भूल गए।
अर्थ: उनकी आँखों में देखने पर हमें बचपन की झलक मिलेगी। वे हमारे भविष्य के लिए अपने आज को भूल गए।

(6)
आज का दिन है सम्मान का,
उनका आभार जताने का।
उनके त्याग और प्यार को,
हमेशा याद रखने का।
अर्थ: आज का दिन उनका सम्मान करने और आभार व्यक्त करने का है। हमें उनके त्याग और प्यार को हमेशा याद रखना चाहिए।

(7)
चलो आज संकल्प लें हम,
कि उन्हें प्यार और सम्मान देंगे।
उनके जीवन को आखिरी तक,
खुशियों से भर देंगे।
अर्थ: चलो आज हम संकल्प लें कि उन्हें प्यार और सम्मान देंगे और उनके जीवन को अंत तक खुशियों से भर देंगे।

--अतुल परब
--दिनांक-15.09.2025-सोमवार.
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