पुंडलिक बाबा पुण्यतिथी-मूर्तिजापूर, जिल्हा-अकोला-पुंडलिक बाबा की महिमा-🙏💖✨🎶

Started by Atul Kaviraje, September 17, 2025, 04:53:38 PM

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Atul Kaviraje

पुंडलिक बाबा पुण्यतिथी-मूर्तिजापूर, जिल्हा-अकोला-

हिंदी कविता: पुंडलिक बाबा की महिमा-

1.
आज है पुण्‍यतिथि, बाबा का नाम है,
मूर्तिजापूर में फैला, श्रद्धा का धाम है।
भक्तजन आते हैं, करते प्रणाम हैं,
बाबा की कृपा से, मिलता आराम है।

अर्थ: आज बाबा की पुण्यतिथि है, उनका नाम हर तरफ है। मूर्तिजापूर श्रद्धा का धाम बन गया है। भक्तजन आते हैं और उन्हें प्रणाम करते हैं। बाबा की कृपा से ही जीवन में आराम मिलता है।

2.
जीवन था उनका, सेवा का पाठ था,
हर दुखी प्राणी, उनके ही साथ था।
अन्नदान, वस्त्रदान, उनका स्वभाव था,
प्रेम और दया, उनका प्रभाव था।

अर्थ: उनका जीवन सेवा का एक पाठ था। हर दुखी व्यक्ति उनके साथ था। अन्नदान और वस्त्रदान करना उनका स्वभाव था। प्रेम और दया ही उनका प्रभाव था।

3.
ना कोई जात-पात, ना कोई भेद था,
मानवता का ही बस, उनके उपदेश था।
सरलता की राह पर, वे ही चले थे,
अंधकार में ज्ञान का, दीपक जले थे।

अर्थ: उनके उपदेशों में कोई जाति या धर्म का भेद नहीं था। मानवता ही उनका एकमात्र उपदेश था। वे सरलता के मार्ग पर चले थे और अज्ञान के अंधकार में ज्ञान का दीपक जलाया था।

4.
भजन और कीर्तन, गूंजे हर ओर हैं,
आस्था के धागे से, मन के ये डोर हैं।
दूर-दूर से आते, लाखों हैं लोग यहाँ,
बाबा की महिमा, है हर जगह।

अर्थ: हर तरफ भजन और कीर्तन गूंज रहे हैं। आस्था के धागों से लोगों के मन जुड़े हुए हैं। दूर-दूर से लाखों लोग यहाँ आते हैं। बाबा की महिमा हर जगह है।

5.
मुश्किलें जब आईं, बाबा को याद किया,
हर संकट को उन्होंने, दूर भगा दिया।
विश्वास का एक दीप, मन में जलाया,
बाबा की शक्ति ने, जीवन सजाया।

अर्थ: जब भी जीवन में मुश्किलें आईं, हमने बाबा को याद किया। उन्होंने हर संकट को दूर कर दिया। जब हमने मन में विश्वास का दीप जलाया, तो बाबा की शक्ति ने हमारे जीवन को सुंदर बना दिया।

6.
युवा पीढ़ी को ये, राह दिखाती है,
सच्चे जीवन का सार, समझाती है।
परंपरा ये है, हमारी शान है,
बाबा का हर शब्द, ज्ञान की खान है।

अर्थ: यह परंपरा युवा पीढ़ी को सही राह दिखाती है। यह उन्हें सच्चे जीवन का सार समझाती है। यह परंपरा हमारी शान है और बाबा का हर शब्द ज्ञान का भंडार है।

7.
आज का दिन है, बहुत ही खास,
बाबा हैं हमारे, हर पल साथ।
सेवा और भक्ति, यही हमारा काम,
पुण्यतिथि पर करते, बाबा को प्रणाम।

अर्थ: आज का दिन बहुत खास है। बाबा हर पल हमारे साथ हैं। सेवा और भक्ति ही हमारा काम है। पुण्यतिथि के अवसर पर हम बाबा को प्रणाम करते हैं।

कविता का सारांश
प्रतीक: 🙏💖✨🎶

भाव: पुंडलिक बाबा के प्रति श्रद्धा।

मुख्य विषय: सेवा, भक्ति और उनके उपदेश।

निष्कर्ष: बाबा का जीवन और उनकी शिक्षाएं हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी।

--अतुल परब
--दिनांक-16.09.2025-मंगळवार.
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