एकादशी श्राद्ध: पितरों के मोक्ष का अनुपम साधन-भक्ति और श्रद्धांजलि की कविता-📜🙏

Started by Atul Kaviraje, September 18, 2025, 05:05:41 PM

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Atul Kaviraje

एकादशी श्राद्ध-

एकादशी श्राद्ध: पितरों के मोक्ष का अनुपम साधन-

एकादशी श्राद्ध: भक्ति और श्रद्धांजलि की कविता-

(१)
पितृपक्ष का ये पावन दिन आया,
स्मरण में हर पूर्वज का नाम छाया।
जल तर्पण की है ये बेला,
श्रद्धा से हर मन है भर आया।

अर्थ: यह चरण बताता है कि पितृपक्ष का यह पवित्र दिन आया है, जिसमें सभी पूर्वजों को याद किया जाता है और जल तर्पण से उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।

(२)
एकादशी तिथि का है पुण्य विशेष,
जब मिलता है पितरों को मोक्ष का संदेश।
विष्णु धाम का द्वार खुल जाता,
दूर होता है हर क्लेश।

अर्थ: इस चरण में एकादशी तिथि के विशेष पुण्य का उल्लेख है, जो पितरों को मोक्ष का संदेश देता है और उनके कष्टों को दूर करता है।

(३)
पुत्र का ये फर्ज है महान,
पितरों को दे श्रद्धा का दान।
श्राद्ध कर्म से करे सम्मान,
उनका जीवन हो सफल, मिले सम्मान।

अर्थ: यह चरण बताता है कि पुत्र का यह महान कर्तव्य है कि वह श्राद्ध कर्म करके अपने पितरों को सम्मान दे।

(४)
भक्ति भाव से जो करे ये कर्म,
पूर्ण हो हर उसका शुभ धर्म।
पूर्वजों का आशीष पाए,
जीवन में हो हर सुख का संगम।

अर्थ: इस चरण का अर्थ है कि जो व्यक्ति भक्ति भाव से यह कर्म करता है, उसे पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है और उसके जीवन में सुखों का आगमन होता है।

(५)
पीढ़ी दर पीढ़ी ये परंपरा चले,
संस्कारों की ये ज्योति कभी ना ढले।
अपने पूर्वजों को नमन करके,
नए जीवन की राह वो चले।

अर्थ: यह चरण पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलने वाली इस परंपरा के महत्व को दर्शाता है, जिससे संस्कारों की ज्योति हमेशा जलती रहती है।

(६)
जीवन में सुख-शांति पाए,
पितृदोष भी दूर हो जाए।
जो भी मांगे, वो मिल जाए,
प्रभु की कृपा जीवन में समाए।

अर्थ: इस चरण में बताया गया है कि यह श्राद्ध करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति आती है और पितृदोष भी दूर होता है।

(७)
एकादशी श्राद्ध का है ये सार,
कृतज्ञता का है ये त्यौहार।
जो कोई भी इसे निभाए,
उसे मिले प्रभु का अपार प्यार।

अर्थ: यह आखिरी चरण इस श्राद्ध के मूल सार को बताता है कि यह हमारे पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता और प्रेम व्यक्त करने का एक त्यौहार है।

इमोजी सारांश
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--अतुल परब
--दिनांक-17.09.2025-बुधवार.
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