विश्वकर्मा दिवस: सृजन और शिल्प कला का महापर्व- 17 सितंबर 2025, बुधवार-🛠️🙏✨🏭

Started by Atul Kaviraje, September 18, 2025, 05:20:19 PM

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Atul Kaviraje

विश्वकर्मा दिन-

विश्वकर्मा दिवस: सृजन और शिल्प कला का महापर्व-

17 सितंबर 2025, बुधवार

🙏 1. विश्वकर्मा दिवस का परिचय और तिथि 🛠�
प्रत्येक वर्ष 17 सितंबर को भारत में विश्वकर्मा दिवस मनाया जाता है। यह दिन सृष्टि के आदि अभियंता, भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है। इस दिन कारीगर, शिल्पकार, इंजीनियर और सभी तकनीकी कार्यों से जुड़े लोग अपने औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं। 17 सितंबर 2025 को भी यह पर्व पूरे देश में भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाएगा।

2. भगवान विश्वकर्मा: सृष्टि के रचयिता ✨
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मांड का प्रथम इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है। उन्होंने देवताओं के लिए महलों, अस्त्रों और भव्य नगरों का निर्माण किया। देवताओं के राजा इंद्र का वज्र, भगवान कृष्ण की द्वारका नगरी, और रावण की लंका नगरी का निर्माण भी उन्हीं की अद्भुत शिल्प कला का प्रमाण है।

3. पूजा का महत्व और उद्देश्य 🔧
इस पर्व का मुख्य उद्देश्य भगवान विश्वकर्मा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना है। यह दिन न केवल उनकी पूजा का है, बल्कि उन सभी लोगों का सम्मान करने का भी है जो अपने हाथों और कौशल से समाज के विकास में योगदान देते हैं। यह दिन श्रम के महत्व और सम्मान का प्रतीक है।

4. पूजा विधि और अनुष्ठान 🪷

स्वच्छता: इस दिन कार्यस्थल, औजारों और मशीनों की सफाई की जाती है।

स्थापना: भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या चित्र स्थापित किया जाता है।

पूजा: धूप, दीप, फूल, फल और नैवेद्य अर्पित कर पूजा की जाती है।

मंत्र जाप: कारीगर और व्यवसायी ॐ विश्वकर्मणे नमः जैसे मंत्रों का जाप करते हैं।

5. औद्योगिक और सामाजिक महत्व 🏭
विश्वकर्मा दिवस का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि औद्योगिक और सामाजिक भी है। इस दिन सभी कारखानों और कार्यशालाओं में अवकाश रहता है। यह दिन कामगारों को विश्राम और अपने उपकरणों का सम्मान करने का अवसर देता है। यह पर्व तकनीकी उन्नति और आर्थिक विकास का भी प्रतीक है।

6. पौराणिक कथा (उदाहरण सहित) 📖
एक कथा के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के अनुरोध पर असुरों के अस्त्रों को नष्ट करने के लिए दधीचि ऋषि की हड्डियों से वज्र का निर्माण किया था। वज्र इतना शक्तिशाली था कि उससे इंद्र ने वृत्रासुर का संहार किया। यह कथा दर्शाती है कि सृजन की शक्ति विनाश की शक्ति से कहीं अधिक महान होती है।

7. कारीगरों और कलाकारों का सम्मान 🎨
यह पर्व समाज में कारीगरों और शिल्पकारों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है। चाहे वह एक मूर्तिकार हो, एक बढ़ई हो, या एक इंजीनियर, हर कोई अपने काम से एक कला को जन्म देता है। विश्वकर्मा दिवस हमें सिखाता है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता और हर कार्य का सम्मान करना चाहिए।

8. सृजनशीलता का प्रतीक 💡
विश्वकर्मा दिवस हमें अपनी सृजनशीलता को पहचानने और उसे प्रोत्साहित करने का संदेश देता है। यह केवल मशीनों की पूजा का दिन नहीं है, बल्कि नए विचारों, नवाचारों और कलात्मक प्रतिभाओं को बढ़ावा देने का भी दिन है।

9. आध्यात्मिक संदेश 💖
यह पर्व हमें सिखाता है कि कर्म ही पूजा है। भगवान विश्वकर्मा की पूजा करके हम यह स्वीकार करते हैं कि हमारे काम और कर्तव्य ही हमारी सच्ची भक्ति हैं। यह हमें अपने काम के प्रति ईमानदारी, समर्पण और निष्ठा रखने की प्रेरणा देता है।

10. निष्कर्ष ✅
विश्वकर्मा दिवस एक ऐसा पर्व है जो श्रम की गरिमा, सृजन की शक्ति और तकनीकी विकास को समर्पित है। यह हमें सिखाता है कि जीवन में सफलता पाने के लिए कठिन परिश्रम, कला और ईश्वर में विश्वास का होना जरूरी है।

इमोजी सारांश
🛠�🙏✨🏭🪷🎨💡💖✅

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-17.09.2025-बुधवार.
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