श्री स्वामी समर्थ और उनके 'वर्तमान ज्ञान' प्रवचन-🙏✨🧘‍♂️🕰️🛡️🧠🌱⚙️🤝🔓✅

Started by Atul Kaviraje, September 19, 2025, 05:36:29 PM

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Atul Kaviraje

श्री स्वामी समर्थ और उनके 'वर्तमान ज्ञान' प्रवचन -
(श्री स्वामी समर्थ द्वारा 'वर्तमान ज्ञान' पर उपदेश)
(The Teachings on 'Present Knowledge' by Shri Swami Samarth)
Shri Swami Samarth and his 'Present Knowledge' teachings-

श्री स्वामी समर्थ और उनके 'वर्तमान ज्ञान' प्रवचन-

🙏 1. 'वर्तमान ज्ञान' का परिचय ✨
श्री स्वामी समर्थ, अक्कलकोट के महायोगी और गुरु परंपरा के एक महान संत, ने अपने भक्तों को सबसे सरल और गहरा आध्यात्मिक सत्य सिखाया। उनकी शिक्षाओं का सार 'वर्तमान ज्ञान' में निहित है। यह केवल इस पल में होने का भौतिक बोध नहीं, बल्कि एक गहरी आध्यात्मिक जागरूकता है कि ईश्वर की कृपा और सत्य केवल और केवल इस वर्तमान क्षण में ही मौजूद हैं।

2. वर्तमान ज्ञान का वास्तविक अर्थ 🧘�♂️
वर्तमान ज्ञान का अर्थ है मन को भूतकाल की यादों (उदासी और पश्चात्ताप) और भविष्य की चिंताओं (भय और तनाव) से मुक्त करना। यह स्वीकार करना है कि जीवन की वास्तविक शक्ति और ऊर्जा इसी क्षण में है। स्वामी समर्थ ने यह समझाया कि परमात्मा को खोजने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं, क्योंकि वे हमारे भीतर और हमारे वर्तमान में ही वास करते हैं।

3. भूत और भविष्य से मुक्ति 🕰�
हमारा मन अक्सर एक यात्री की तरह होता है जो या तो अतीत की गलियों में भटकता है या भविष्य की अनिश्चितताओं में खोया रहता है। यह मानसिक अवस्था हमें कभी भी सच्ची शांति का अनुभव नहीं करने देती। स्वामी समर्थ ने अपने प्रवचनों से सिखाया कि जब हम इस क्षण में पूरी तरह से होते हैं, तो हम मन के इस जाल से मुक्त हो जाते हैं।

4. 'मी तुझ्या पाठीशी आहे' का संदेश 🛡�
स्वामी समर्थ का सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली संदेश है, "भिऊ नकोस, मी तुझ्या पाठीशी आहे" (डरो मत, मैं तुम्हारे पीछे हूँ)। यह कोई केवल आश्वासन नहीं है, बल्कि 'वर्तमान ज्ञान' का एक प्रत्यक्ष उपदेश है। यह हमें यह एहसास कराता है कि हमारी रक्षा करने वाली दिव्य शक्ति हर पल, इसी क्षण हमारे साथ है। हमें भविष्य के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि गुरु की उपस्थिति 'अभी' है।

5. ध्यान और जागरूकता का महत्व 🧠
वर्तमान ज्ञान की प्राप्ति का एक प्रमुख साधन जागरूकता (Awareness) और ध्यान (Meditation) है। ध्यान हमें अपने विचारों को नियंत्रित करना और अपने भीतर के शांत केंद्र से जुड़ना सिखाता है। जब हम अपने कर्मों को पूरी जागरूकता के साथ करते हैं, तो हर क्रिया एक आध्यात्मिक अनुष्ठान बन जाती है।

6. सरलता और सहजता 🌱
स्वामी समर्थ की शिक्षाएं बहुत सरल और सहज थीं। उन्होंने किसी जटिल योग या कर्मकांड का उपदेश नहीं दिया। उन्होंने यह सिद्ध किया कि आध्यात्मिक प्रगति के लिए पाखंड या आडंबर की आवश्यकता नहीं है, बल्कि सरल जीवन, सच्ची भक्ति और वर्तमान में जीने का संकल्प ही पर्याप्त है।

7. कर्म में वर्तमान ज्ञान ⚙️
वर्तमान ज्ञान का सिद्धांत केवल आध्यात्मिक अभ्यास तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन में भी लागू होता है। जब एक छात्र पूरी एकाग्रता के साथ अध्ययन करता है, एक कारीगर पूरी लगन से अपना काम करता है, या एक माँ पूरी जागरूकता के साथ अपने बच्चे की देखभाल करती है, तो वे सभी 'वर्तमान ज्ञान' का अभ्यास कर रहे होते हैं।

8. समर्पण का महत्व 🤝
वर्तमान ज्ञान और समर्पण (Surrender) आपस में जुड़े हुए हैं। जब हम वर्तमान में जीते हैं, तो हम अपनी इच्छाओं और परिणामों के प्रति मोह छोड़ देते हैं। यह समर्पण हमें स्वीकार्यता और संतोष प्रदान करता है, क्योंकि हम यह मान लेते हैं कि जो कुछ भी हो रहा है, वह दिव्य इच्छा से हो रहा है।

9. भय से मुक्ति 🔓
भय का मूल कारण भविष्य की अज्ञातता है। 'वर्तमान ज्ञान' हमें सिखाता है कि हमें भविष्य को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारी शक्ति और हमारे गुरु की कृपा हमेशा इसी क्षण में है। जब हम वर्तमान में जीते हैं, तो हम भय से मुक्त होकर साहस के साथ जीवन का सामना कर सकते हैं।

10. उपसंहार: जीवन का परम सत्य ✅
श्री स्वामी समर्थ का 'वर्तमान ज्ञान' का उपदेश केवल एक सिद्धांत नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है। यह हमें सिखाता है कि शांति, आनंद और ईश्वर से मिलन का मार्ग न तो अतीत में है और न भविष्य में, बल्कि केवल और केवल इस एक अनमोल पल में है।

इमोजी सारांश
🙏✨🧘�♂️🕰�🛡�🧠🌱⚙️🤝🔓✅

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-18.09.2025-गुरुवार.
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