भाऊसाहेब महाराज अयाचित पुण्यतिथी, नागपूर: एक श्रद्धा और भक्ति का पर्व-🙏💖💡💫🎶

Started by Atul Kaviraje, September 19, 2025, 05:42:27 PM

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Atul Kaviraje

भाऊसाहेब महाराज अयाचित पुण्यतिथी-नागपूर-

भाऊसाहेब महाराज अयाचित पुण्यतिथी, नागपूर: एक श्रद्धा और भक्ति का पर्व-

भाऊसाहेब महाराजांवर एक सुंदर कविता-

चरण 1:
नागपुर की धरती आज, भक्ति से पावन हुई है।
भाऊसाहेब महाराज अयाचित, तुम्हारी याद आई है।
तुम्हारे त्याग और तपस्या का, आज सम्मान हो रहा है।
तुमने दिखाया जो मार्ग, आज फिर से रोशन हो रहा है।

अर्थ: नागपुर की धरती आज भक्ति से पवित्र हुई है क्योंकि आज भाऊसाहेब महाराज अयाचित की याद आई है। तुम्हारे त्याग और तपस्या का आज सम्मान हो रहा है और तुमने जो मार्ग दिखाया था, वह फिर से प्रकाशित हो रहा है। 💖

चरण 2:
सादा जीवन और उच्च विचार, तुमने सिखाया हमको।
निस्वार्थ सेवा का महत्व, तुमने बताया हमको।
आत्म-ज्ञान और शांति का मार्ग, तुमने दिखाया हमको।
तुम्हारे हर शब्द में, एक अलग ही आनंद मिला हमको।

अर्थ: आपने हमें सादा जीवन और उच्च विचार सिखाए। आपने निस्वार्थ सेवा का महत्व बताया। आत्म-ज्ञान और शांति का मार्ग आपने हमें दिखाया और आपके हर शब्द में हमें एक अलग ही आनंद मिला। 💡

चरण 3:
तुमने कभी कुछ नहीं माँगा, इसीलिए अयाचित कहलाए।
तुम्हारे शिष्यों के हृदय में, तुम हमेशा के लिए समाए।
तुमने त्याग दिया सब कुछ, बस आत्म-सुख के लिए।
आज भी हम तुम्हें याद करते हैं, अपने कल्याण के लिए।

अर्थ: आपने कभी कुछ नहीं माँगा, इसलिए आपको अयाचित यह नाम मिला। आप अपने शिष्यों के हृदय में हमेशा के लिए बस गए। आपने केवल आत्म-सुख के लिए सब कुछ त्याग दिया। आज भी हम आपको अपने कल्याण के लिए याद करते हैं। 💫

चरण 4:
भजन-कीर्तन आज, तुम्हारे लिए ही हो रहा है।
तुम्हारी शिक्षाओं का महिमा, आज गाया जा रहा है।
तुमने दी जो सीख, हमारे जीवन का आधार है।
तुम्हारी कृपा से ही, हमें मोक्ष का मार्ग दिख रहा है।

अर्थ: आज आपके लिए भजन-कीर्तन हो रहा है। आपकी शिक्षाओं का महिमा गाया जा रहा है। आपने जो सीख दी है, वह हमारे जीवन का आधार है और आपकी कृपा से ही हमें मोक्ष का मार्ग दिख रहा है। 🎶✨

चरण 5:
तुम्हारी समाधि पर, हम फूल अर्पण करते हैं।
तुम्हारे चरणों को छूकर, खुद को धन्य मानते हैं।
तुम्हारे आशीर्वाद से, हमारा जीवन सुखी हो।
तुम्हारी कृपा से, सभी दुखों से मुक्ति मिले।

अर्थ: हम आपकी समाधि पर फूल अर्पित करते हैं और आपके चरणों को छूकर खुद को धन्य मानते हैं। आपके आशीर्वाद से हमारा जीवन सुखी हो और आपकी कृपा से सभी दुखों से हमें मुक्ति मिले। 🌺🙏

चरण 6:
महाप्रसाद सबको बाँटकर, हम सेवा करते हैं।
तुम्हारे नाम से, हम जरूरतमंदों की मदद करते हैं।
तुमने सिखाई जो सेवा, आज हम कर रहे हैं।
तुम्हारे कार्य को आगे बढ़ाकर, हम तुम्हारा सम्मान कर रहे हैं।

अर्थ: महाप्रसाद सबको बाँटकर हम सेवा कर रहे हैं। आपके नाम से हम जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। आपने जो सेवा सिखाई है, वह आज हम कर रहे हैं और आपके कार्य को आगे बढ़ाकर हम आपका सम्मान कर रहे हैं। 🍽�❤️

चरण 7:
हे महान आत्मा, तुम्हें प्रणाम, तुम्हें वंदन।
तुम्हारी स्मृति में, ये दिन हो गए पावन।
तुम अमर हो, तुम सदा हमारे बीच रहोगे।
तुम ही हमारे मार्गदर्शक, तुम ही हमारी आशा हो।

अर्थ: हे महान आत्मा, हम आपको प्रणाम और वंदन करते हैं। आपकी स्मृति में ये दिन पवित्र हो गए हैं। आप अमर हैं और हमेशा हमारे बीच रहेंगे। आप ही हमारे मार्गदर्शक और आप ही हमारी आशा हैं। 🙏💫

कविता सार: 🙏💖💡💫🎶🌺🍽�❤️

--अतुल परब
--दिनांक-18.09.2025-गुरुवार.
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