पगनवाद (Paganism)- कविता: पगनवाद का सार 🌿-🌳🧘‍♀️✨🔄

Started by Atul Kaviraje, September 19, 2025, 10:10:09 PM

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Atul Kaviraje

पगनवाद (Paganism)-

कविता: पगनवाद का सार 🌿-

चरण 1:
नहीं कोई पोथी, नहीं कोई धाम,
प्रकृति ही मंदिर, प्रकृति ही भगवान।
पत्थर में ईश्वर, नदी में जीवन,
पगनवाद का है, ये ही दर्शन।

अर्थ: यह कविता बताती है कि पगनवाद में कोई एकल धार्मिक ग्रंथ या संगठित धार्मिक स्थल नहीं होता। इसमें प्रकृति को ही मंदिर और उसके तत्वों को ही देवता माना जाता है।

चरण 2:
सदियों पुरानी, ये है परंपरा,
धरती से जुड़ा, इसका है हर कण।
बहुदेवों की पूजा, हर रंग में रंगे,
सूरज, हवा और जल, इनके संग में जगे।

अर्थ: यह पगनवाद के प्राचीन इतिहास और प्रकृति-केंद्रित बहुदेववाद को बताता है। इसमें सूर्य, वायु और जल जैसे प्राकृतिक तत्वों की पूजा की जाती है।

चरण 3:
विक्का हो या असेटरु, नाम है अलग,
पर सबका है रास्ता, एक ही है पल।
देवी और देवता, दोनों हैं साथ,
आत्मा का पुनर्जन्म, होता है रात।

अर्थ: यह पगनवाद के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख करता है, जैसे विक्का और असेटरु। यह देवी और देवता दोनों में विश्वास और पुनर्जन्म की अवधारणा को दर्शाता है।

चरण 4:
अनुष्ठान इनके, वनों में होते,
जहाँ पंछी गाते, और झरने रोते।
पेंटाग्राम और चाँद, इनके प्रतीक,
आत्मा से जुड़ने का, ये है तरीका।

अर्थ: यह पगनवाद में होने वाले अनुष्ठानों और प्रतीकों का वर्णन करता है, जो अक्सर प्रकृति के बीच होते हैं। इसमें पेंटाग्राम और चंद्रमा जैसे प्रतीकों का उल्लेख है।

चरण 5:
अंधेरे युग में, ये था दबा हुआ,
जब दुनिया पर, एक ही धर्म था छाया हुआ।
पर आज फिर से, ये है जाग रहा,
स्वतंत्र विचारों का, ये है राग रहा।

अर्थ: यह मध्य युग में पगनवाद के दमन और फिर 20वीं शताब्दी में इसके आधुनिक पुनरुत्थान को बताता है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और विचारों की आजादी को दर्शाता है।

चरण 6:
गलतफ़हमी के, बादल छाए,
अज्ञानता के कारण, लोग घबराए।
पर ये तो है, प्रकृति का ही प्यार,
सभ्यता से जुड़ने का, एक नया द्वार।

अर्थ: यह पगनवाद के बारे में फैली गलतफहमियों पर प्रकाश डालता है, और बताता है कि यह केवल प्रकृति के साथ प्रेम और सद्भाव का एक तरीका है।

चरण 7:
जीवन का चक्र, हर ऋतु का गीत,
पगनवाद सिखाए, यही है मीत।
प्रकृति की गोद में, मिले सुकून,
यह धर्म है, सबसे ज्यादा सुकून।

अर्थ: यह कविता का निष्कर्ष है कि पगनवाद प्रकृति के चक्रों और जीवन के गीत को समझने के बारे में है, और यह हमें प्रकृति के करीब रहकर शांति और सुकून प्राप्त करना सिखाता है।

ईमोजी सारांश: 🌳🧘�♀️✨🔄

🌳: प्रकृति

🧘�♀️: आध्यात्मिकता

✨: जादू और विश्वास

🔄: जीवन का चक्र
 
--अतुल परब
--दिनांक-19.09.2025-शुक्रवार.
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