देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद और धन में योगदान-🙏🌸💰✨🏡🧹🕊️😇💖👵👴🌈

Started by Atul Kaviraje, September 20, 2025, 05:40:08 PM

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Atul Kaviraje

देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद और धन में योगदान-

देवी लक्ष्मी पर एक सुंदर कविता-

चरण 1:
कमल पर बैठी, माँ लक्ष्मी तुम,
तुम्हारे आने से, जग में आया सुख।
तुम धन और वैभव का, हो भंडार,
तुम्हारे आशीर्वाद से, मिले हमें प्यार।

अर्थ: हे माँ लक्ष्मी, आप कमल पर विराजमान हैं। आपके आने से जग में सुख आता है। आप धन और वैभव का भंडार हैं, और आपके आशीर्वाद से हमें प्यार मिलता है। 🙏🌸

चरण 2:
हाथों में तुम्हारे, कमल और धन,
तुम्हारी कृपा से, होता है हर मन प्रसन्न।
तुम देती हो ज्ञान, और सुख का वास,
तुम्हारे बिना ये जीवन, है एक खाली सा आकाश।

अर्थ: आपके हाथों में कमल और धन है। आपकी कृपा से हर मन प्रसन्न होता है। आप ज्ञान और सुख प्रदान करती हैं, और आपके बिना यह जीवन एक खाली आकाश जैसा है। 💰✨

चरण 3:
पूजा-अर्चना से तुम, होती हो खुश,
साफ घर में तुम, करती हो वास।
तुम्हारे आने से, मिटे हर दुःख,
तुम्हारी कृपा से, मिले हर सुख।

अर्थ: पूजा-अर्चना से आप प्रसन्न होती हैं, और साफ घर में आप वास करती हैं। आपके आने से हर दुःख मिट जाता है और आपकी कृपा से हमें हर सुख मिलता है। 🧹🏡

चरण 4:
सिर्फ धन ही नहीं, तुम्हारा है ये योगदान,
तुम देती हो शांति, और सच्चा सम्मान।
कर्मों का फल, तुम देती हो सही,
ईमानदारी से कमाया धन, तुम करती हो वहीं।

अर्थ: आपका योगदान सिर्फ धन तक ही सीमित नहीं है। आप शांति और सच्चा सम्मान भी देती हैं। आप कर्मों का सही फल देती हैं, और ईमानदारी से कमाए गए धन को ही बढ़ाती हैं। 🕊�😇

चरण 5:
तुम कहती हो, धन का उपयोग करो,
पर साथ में, धर्म का भी पालन करो।
लालच को छोड़ो, करो परोपकार,
सच्ची समृद्धि का, यही है आधार।

अर्थ: आप कहती हैं कि धन का उपयोग करो, लेकिन साथ ही धर्म का भी पालन करो। लालच को छोड़कर परोपकार करो, क्योंकि सच्ची समृद्धि का यही आधार है। 💰💖

चरण 6:
बड़ों का सम्मान हो, गरीबों का हो मान,
यही तो है देवी, तुम्हारे आशीर्वाद की शान।
जो करता है सेवा, बिना किसी लोभ,
उस पर तुम्हारी कृपा, होती है निर्लोभ।

अर्थ: बड़ों का सम्मान हो और गरीबों का आदर हो, यही आपके आशीर्वाद की शान है। जो बिना किसी लोभ के सेवा करता है, उस पर आपकी कृपा निस्वार्थ भाव से होती है। 👵👴

चरण 7:
हे माँ लक्ष्मी, ये वंदन स्वीकार करो,
हम सब के जीवन में, तुम सदा निवास करो।
तुम्हारी कृपा से, जीवन हो भरपूर,
सच्चे सुख और शांति, हमसे न हों दूर।

अर्थ: हे माँ लक्ष्मी, हमारा यह वंदन स्वीकार करें। आप हम सब के जीवन में हमेशा निवास करें। आपकी कृपा से हमारा जीवन भरपूर हो और सच्चा सुख और शांति हमसे दूर न हो। 🙏🌈

कविता सार: 🙏🌸💰✨🏡🧹🕊�😇💖👵👴🌈

--अतुल परब
--दिनांक-19.09.2025-शुक्रवार.
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