देवी दुर्गा का 'उग्र रूप' और राक्षस पराजय का सांस्कृतिक महत्व-🔱🔥🐃💥👿🗣️🛡️👩

Started by Atul Kaviraje, September 20, 2025, 05:41:34 PM

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Atul Kaviraje

देवी दुर्गा का 'उग्र रूप' और राक्षस पराजय का सांस्कृतिक महत्व-

देवी दुर्गा के 'उग्र रूप' पर एक सुंदर कविता-

चरण 1:
भवानी माँ, तेरा उग्र रूप, है शक्ति का आधार,
तू ही है दुष्टों का, अंतिम संहार।
हाथ में खड्ग और त्रिशूल, आँखों में है ज्वाला,
तेरी एक ललकार से, हर राक्षस भागा।

अर्थ: हे भवानी माता, आपका उग्र रूप शक्ति का आधार है। आप ही दुष्टों का अंतिम संहार करने वाली हैं। आपके हाथ में तलवार और त्रिशूल है, आँखों में ज्वाला है और आपकी एक ललकार से हर राक्षस भाग जाता है। 🔱🔥

चरण 2:
महिषासुर मर्दिनी, तूने किया सबका उद्धार,
अधर्म को मिटाकर, किया धर्म का विस्तार।
तेरी गाथा है साहस की, नारी शक्ति की कहानी,
तू ही है देवी, तू ही है कल्याणी।

अर्थ: हे महिषासुर मर्दिनी, आपने सबका उद्धार किया। अधर्म को मिटाकर आपने धर्म का विस्तार किया। आपकी गाथा साहस की और नारी शक्ति की कहानी है। आप ही देवी हैं और आप ही कल्याणी हैं। 🐃💥

चरण 3:
राक्षसों का वध, सिर्फ एक कहानी नहीं,
यह संदेश है, बुराई की हार निश्चित सही।
हमारे अंदर के राक्षस, जब भी हों हावी,
तेरी शक्ति से ही, वो होते हैं परास्त तभी।

अर्थ: राक्षसों का वध सिर्फ एक कहानी नहीं है। यह संदेश है कि बुराई की हार निश्चित है। जब हमारे अंदर के राक्षस (बुराइयाँ) हम पर हावी होते हैं, तभी आपकी शक्ति से वे परास्त होते हैं। 👿

चरण 4:
तेरा ये रूप, हमें हिम्मत दिलाता है,
अन्याय के खिलाफ, आवाज उठाना सिखाता है।
सत्य की राह पर, चलने का हमें साहस मिले,
तेरी कृपा से, हर बाधा दूर चले।

अर्थ: आपका यह रूप हमें हिम्मत देता है। यह हमें अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना सिखाता है। आपकी कृपा से हमें सत्य की राह पर चलने का साहस मिले और हर बाधा दूर हो। 🗣�🛡�

चरण 5:
तूने सिखाया, नारी कभी कमजोर नहीं,
वो हर संकट में, होती है बहुत मजबूत कहीं।
अपने सम्मान के लिए, वो लड़ सकती है,
हर चुनौती का सामना, कर सकती है।

अर्थ: आपने सिखाया कि नारी कभी कमजोर नहीं होती। वह हर संकट में बहुत मजबूत होती है। वह अपने सम्मान के लिए लड़ सकती है और हर चुनौती का सामना कर सकती है। 👩�🦱

चरण 6:
नवरात्रि में तेरी, हम करते हैं पूजा,
तू ही है शक्ति, तू ही है हमारी ऊर्जा।
तेरी भक्ति से, मन हो जाता है शांत,
तेरी कृपा से, जीवन में न कोई अशांत।

अर्थ: नवरात्रि में हम आपकी पूजा करते हैं। आप ही हमारी शक्ति हैं, आप ही हमारी ऊर्जा हैं। आपकी भक्ति से मन शांत हो जाता है और आपकी कृपा से जीवन में कोई अशांती नहीं रहती। 💖

चरण 7:
हे माँ दुर्गा, ये वंदन स्वीकार करो,
सबके जीवन में, सद्भाव भर दो।
तुम्हारी शक्ति का, ये जग गान करे,
सत्य की जीत का, हर कोई सम्मान करे।

अर्थ: हे माँ दुर्गा, हमारा यह वंदन स्वीकार करें। सबके जीवन में सद्भाव भर दें। तुम्हारी शक्ति का यह जग गुणगान करे और सत्य की जीत का हर कोई सम्मान करे। 🙏🌈

कविता सार: 🔱🔥🐃💥👿🗣�🛡�👩�🦱💖🙏🌈

--अतुल परब
--दिनांक-19.09.2025-शुक्रवार.
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