फिलिस्तीन (Palestine) 🌍- फिलिस्तीन पर कविता ✍️-

Started by Atul Kaviraje, September 22, 2025, 06:58:14 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

फिलिस्तीन (Palestine) 🌍-

फिलिस्तीन पर कविता ✍️-

पहला चरण:
रेत और जैतून के पेड़ों का देश,
इतिहास का गहरा, एक पुराना केश।
तीन धर्मों की पवित्र भूमि,
जहां हर पत्थर पर लिखी है कहानी।
अर्थ: यह रेत और जैतून के पेड़ों का एक देश है, जिसका इतिहास बहुत पुराना है। यह तीन धर्मों की पवित्र भूमि है और यहाँ की हर जगह पर एक कहानी लिखी हुई है।

दूसरा चरण:
अतीत में यहाँ कई साम्राज्य आए,
रोमन, तुर्की, सबने राज किया।
हर युग ने अपनी छाप छोड़ी,
पर यह भूमि कभी भी न हारी।
अर्थ: अतीत में इस क्षेत्र पर कई साम्राज्यों ने शासन किया, लेकिन इस भूमि ने अपनी पहचान कभी नहीं खोई।

तीसरा चरण:
1948 में एक नया मोड़ आया,
दो टुकड़ों में एक देश बंट गया।
कुछ बने शरणार्थी, कुछ हुए बेघर,
एक युद्ध की शुरुआत हुई, एक नया सफर।
अर्थ: 1948 में यहाँ एक बड़ा बदलाव आया, जब इस क्षेत्र को दो हिस्सों में बाँट दिया गया, जिससे एक युद्ध शुरू हुआ और लाखों लोग बेघर हो गए।

चौथा चरण:
यरूशलम की गलियां हैं गवाह,
हर प्रार्थना और हर आह की।
मंदिर की दीवारें, मस्जिद के गुंबद,
और चर्च की घंटियां, सब करते हैं याद।
अर्थ: यरूशलम शहर में स्थित पवित्र स्थल इस बात के गवाह हैं कि यहाँ हर धर्म के लोग प्रार्थना करते आए हैं।

पांचवाँ चरण:
वेस्ट बैंक और गाजा का दर्द,
रोज़ाना का संघर्ष और दर्द।
टूटे सपने और सूनी आँखें,
भविष्य की राह देखती राहें।
अर्थ: वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में रहने वाले लोग हर दिन संघर्ष और दर्द का सामना कर रहे हैं। उनके सपने टूटे हैं और वे एक बेहतर भविष्य की राह देख रहे हैं।

छठा चरण:
एक मां की आँख में आशा है बाकी,
कि एक दिन शांति की सुबह आएगी।
बच्चे खेलेंगे, बेखौफ हँसेंगे,
और इस जमीन पर फिर से अमन होगा।
अर्थ: एक माँ को अब भी उम्मीद है कि एक दिन यहाँ शांति आएगी और बच्चे बिना किसी डर के खेल सकेंगे।

सातवाँ चरण:
तो यह है फिलिस्तीन की कहानी,
संघर्ष की, पर उम्मीद की भी।
एक ऐसा भू-भाग, जो है अनमोल,
जिसके भविष्य का है एक ही मोल।
अर्थ: यह फिलिस्तीन की कहानी है, जो संघर्ष से भरी है, लेकिन उम्मीद भी कायम है। यह एक अनमोल जगह है, जिसकी असली कीमत शांति ही है।

--अतुल परब
--दिनांक-22.09.2025-सोमवार.
===========================================