खंडग्रास सूर्यग्रहण: भक्ति, विश्वास और ज्ञान का संगम 🌞🌑-☀️🌑🙏🧘‍♂️🎁

Started by Atul Kaviraje, September 22, 2025, 07:55:00 PM

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Atul Kaviraje

खंडग्रास सूर्यग्रहण-

खंडग्रास सूर्यग्रहण: भक्ति, विश्वास और ज्ञान का संगम 🌞🌑-

खंडग्रास सूर्यग्रहण: एक कविता-

सूर्य को ग्रसे आज चाँद,
अंधकार में डूबा संसार।
खंडग्रास सूर्यग्रहण है,
भय नहीं, भक्ति का है सार।

विज्ञान कहता यह घटना है,
ग्रहों का एक खेल निराला।
धर्म कहता यह काल है,
प्रभु का नाम जपने वाला।

मंत्रों की शक्ति जागी है,
ध्यान की गहराई है।
मन को शांत कर लो,
सकारात्मकता की कमाई है।

जल में तुलसी डालो,
भोजन से दूर रहो।
आत्मा की शुद्धि करो,
ईश्वर का नाम कहो।

ग्रहण के बाद दान करो,
पुण्य की वर्षा हो।
अंधकार के बाद फिर से,
सूर्य की आभा हो।

जीवन में भी ग्रहण आते,
जब दुख के बादल छाते।
सूर्य जैसा बनो तुम,
फिर से प्रकाश फैलाते।

अर्थ:

पहला चरण: आज चंद्रमा ने सूर्य को ढक लिया है और दुनिया अंधकार में डूब गई है। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण है, लेकिन यह डरने का नहीं, बल्कि भक्ति का समय है।

दूसरा चरण: विज्ञान के अनुसार यह ग्रहों का एक खेल है, जबकि धर्म के अनुसार यह ईश्वर का नाम जपने का समय है।

तीसरा चरण: इस समय मंत्रों की शक्ति और ध्यान की गहराई का अनुभव होता है। यह मन को शांत करने और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का समय है।

चौथा चरण: भोजन और पानी में तुलसी डालकर उन्हें शुद्ध रखें और इस समय भोजन से दूर रहें। अपनी आत्मा को शुद्ध करें और भगवान का नाम लें।

पांचवां चरण: ग्रहण के बाद दान करने से पुण्य मिलता है। जिस तरह अंधकार के बाद सूर्य फिर से चमकता है, उसी तरह हमारे जीवन में भी उजाला आता है।

छठा चरण: जीवन में भी जब दुख आता है, तो वह ग्रहण जैसा होता है। लेकिन हमें सूर्य की तरह बनकर फिर से प्रकाश फैलाना चाहिए।

इमोजी सारांश: ☀️🌑🙏🧘�♂️🎁

--अतुल परब
--दिनांक-21.09.2025-रविवार.
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