अमावस्या श्राद्ध: पितृ पक्ष का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण दिन 🕊️-🕊️🙏🕯️🍚❤️

Started by Atul Kaviraje, September 22, 2025, 07:56:32 PM

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Atul Kaviraje

अमावस्या श्रIद्ध-

अमावस्या श्राद्ध: पितृ पक्ष का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण दिन 🕊�-

अमावस्या श्राद्ध: एक कविता-

अमावस्या की है यह रात,
पितरों का आह्वान है।
श्रद्धांजलि से ही आज,
आत्मा को मिले सम्मान।

तर्पण से जल अर्पण,
पिंडों का होता दान।
पितरों को तृप्त करते,
अमरता को मिले प्राण।

गरुड़ पुराण में कहा है,
श्राद्ध का है बड़ा महत्व।
आशीर्वाद मिले पितरों का,
जीवन में हो सुख-समृद्धि का तत्व।

जब तक जीवित हम रहें,
यह रीत हम निभाएँगे।
अपने पितरों का सम्मान,
हर साल हम करेंगे।

जीवन में जो भी मिला,
उनकी ही कृपा का फल है।
उनके बिना हमारा जीवन,
एक अधूरा कल है।

आइए मिलकर करें प्रणाम,
उनकी आत्मा को शांति मिले।
वे जहाँ भी हों, खुश रहें,
जीवन में खुशहाली खिले।

अमावस्या के इस अवसर पर,
पुण्य का हो संचार।
पवित्रता और भक्ति से,
हम करें सबका उद्धार।

अर्थ:

पहला चरण: यह अमावस्या की रात है, जब हम अपने पितरों का आह्वान करते हैं। आज हम अपनी श्रद्धांजलि से उनकी आत्माओं का सम्मान करते हैं।

दूसरा चरण: श्राद्ध में जल से तर्पण किया जाता है और पिंड दान होता है। यह पितरों को तृप्त करने और उनकी आत्मा को अमरता प्रदान करने का प्रतीक है।

तीसरा चरण: गरुड़ पुराण में श्राद्ध का बहुत महत्व बताया गया है। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है, जिससे हमारे जीवन में सुख और समृद्धि आती है।

चौथा चरण: जब तक हम जीवित रहेंगे, हम इस परंपरा को निभाते रहेंगे और हर साल अपने पूर्वजों का सम्मान करेंगे।

पांचवां चरण: हमारे जीवन में जो कुछ भी हमें मिला है, वह हमारे पूर्वजों की कृपा का फल है। उनके बिना हमारा जीवन अधूरा है।

छठा चरण: आइए हम सब मिलकर उन्हें प्रणाम करें, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले और वे जहाँ भी हों, खुश रहें।

सातवाँ चरण: अमावस्या के इस अवसर पर पुण्य का संचार हो। पवित्रता और भक्ति से हम सबका कल्याण करें।

इमोजी सारांश: 🕊�🙏🕯�🍚❤️

--अतुल परब
--दिनांक-21.09.2025-रविवार.
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