मातामह श्राद्ध: श्रद्धा और पितृ ऋण का पर्व-🙏🕊️✨💖👨‍👩‍👧‍👦

Started by Atul Kaviraje, September 23, 2025, 08:58:43 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

मातामह श्रIद्ध-

मातामह श्राद्ध: श्रद्धा और पितृ ऋण का पर्व-

मातामह श्राद्ध पर हिंदी कविता-

(१)

आया पितृ पक्ष का पावन मास,
पूर्वजों को नमन करने की आस।
मातामह श्राद्ध का दिन आया,
दोहिते ने यह कर्तव्य निभाया।

(अर्थ): यह चरण बताता है कि पितृ पक्ष का पवित्र महीना आ गया है, जिसमें पूर्वजों को नमन करने की आशा है। मातामह श्राद्ध का दिन आया है, जिसे दोहिते ने निभाया है।

(२)

हाथों में जल और काले तिल,
मन में श्रद्धा का भाव मिला।
पितरों को तर्पण दिया,
उनकी आत्मा को शांति दिया।

(अर्थ): इस चरण में हाथों में जल और काले तिल लेकर श्रद्धा से पितरों को तर्पण देने की बात है, जिससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है।

(३)

नाना-नानी का है यह श्राद्ध,
जो करते हैं वे उनका आशीर्वाद।
बेटी के पुत्र का है यह काम,
उनका नाम लेकर करते प्रणाम।

(अर्थ): यहां नाना-नानी के श्राद्ध का जिक्र है, जो बेटी के पुत्र द्वारा किया जाता है, जिससे उनका आशीर्वाद मिलता है।

(४)

ब्राह्मणों को भोजन खिलाया,
उन्हें दान-दक्षिणा दिया।
गो, कुत्ते और कौवे को खिलाया,
पितरों का आशीर्वाद पाया।

(अर्थ): इस चरण में ब्राह्मणों, गाय, कुत्ते और कौवे को भोजन खिलाने की बात है, जिससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

(५)

यह केवल पूजा नहीं, एक मान,
पूर्वजों का करते हैं सम्मान।
पितृ ऋण से मुक्ति मिलती,
जीवन में शांति खिलती।

(अर्थ): यह चरण बताता है कि यह केवल एक पूजा नहीं है, बल्कि पूर्वजों का सम्मान है, जिससे पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति आती है।

(६)

घर में अब सब शांत है,
मन में एक नया उत्साह है।
पितरों की कृपा बनी रहे,
परिवार में खुशियां बहे।

(अर्थ): यहां श्राद्ध के बाद घर में फैली शांति और मन में आए नए उत्साह का वर्णन है। यह पितरों की कृपा से परिवार में खुशियां लाता है।

(७)

दोहिते का यह पवित्र कर्म,
निभाता है यह धर्म।
वंश का नाम रोशन करता है,
पितरों को मोक्ष दिलाता है।

(अर्थ): अंतिम चरण में दोहिते के पवित्र कार्य का उल्लेख है, जो अपने नाना-नानी को पितृ ऋण से मुक्ति दिलाकर उनका वंश आगे बढ़ाता है और उन्हें मोक्ष दिलाता है।

Emoji सारांश: 🙏🕊�✨💖👨�👩�👧�👦

--अतुल परब
--दिनांक-22.09.2025-सोमवार.
===========================================