श्री रेणुकादेवी नवरात्र उत्सव, माहूर: भक्ति, श्रद्धा और शक्ति का केंद्र-🌺🙏✨🎶

Started by Atul Kaviraje, September 23, 2025, 09:01:00 PM

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Atul Kaviraje

श्री रेणुकादेवी नवरात्र उत्सव आरंभ-माहूर-

श्री रेणुकादेवी नवरात्र उत्सव, माहूर: भक्ति, श्रद्धा और शक्ति का केंद्र-

श्री रेणुकादेवी नवरात्र उत्सव पर हिंदी कविता-

(१)

माहूर की पहाड़ियों में,
रेणुकादेवी का धाम।
नवरात्र का पर्व आया,
सबका लेता मां नाम।

(अर्थ): यह चरण बताता है कि माहूर की पहाड़ियों में मां रेणुकादेवी का पवित्र स्थान है। नवरात्रि का त्योहार आया है, जिसमें सभी मां का नाम लेते हैं।

(२)

घटस्थापना का शुभ दिन,
मंदिर में भीड़।
भक्ति का सागर उमड़ा,
दिल में नहीं कोई पीर।

(अर्थ): इस चरण में घटस्थापना के शुभ दिन और मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़ का वर्णन है। भक्ति का सागर उमड़ रहा है, जिससे मन में कोई दुख नहीं रहता।

(३)

पहाड़ों पर मां का दरबार,
भक्तों का लगा मेला।
दर्शन को आतुर,
ना कोई अकेला।

(अर्थ): यहां पहाड़ों पर स्थित मां के दरबार और दर्शन के लिए आतुर भक्तों के मेले का जिक्र है, जहां कोई अकेला महसूस नहीं करता।

(४)

पोतराज का नृत्य,
शक्ति का प्रतीक।
मन में जोश भरता,
भक्ति का संगीत।

(अर्थ): इस चरण में 'पोतराज' के नृत्य का वर्णन है, जो शक्ति का प्रतीक है और भक्ति के संगीत से मन में जोश भर देता है।

(५)

महाप्रसाद का भंडारा,
सबको मिलता है।
सेवा का यह भाव,
मन को भाता है।

(अर्थ): यहां भक्तों के लिए आयोजित महाप्रसाद के भंडारे की बात है, जिसमें सेवा का भाव मन को बहुत अच्छा लगता है।

(६)

नौ दिन का पावन पर्व,
मां का गुणगान।
दूर होता हर संकट,
बढ़ता सम्मान।

(अर्थ): यह चरण बताता है कि नौ दिनों के पवित्र त्योहार में मां का गुणगान करने से हर संकट दूर होता है और सम्मान बढ़ता है।

(७)

दशमी पर शोभायात्रा,
मां की जयकार।
सत्य की होती जीत,
यह है उसका सार।

(अर्थ): अंतिम चरण में विजयादशमी के दिन निकाली जाने वाली शोभायात्रा और मां की जयकार का उल्लेख है, जिसका सार यह है कि हमेशा सत्य की जीत होती है।

Emoji सारांश: 🌺🙏✨🎶💃💖

--अतुल परब
--दिनांक-22.09.2025-सोमवार.
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