एकवीरा नवरात्र उत्सव, हिवरा (यवतमाळ): श्रद्धा और भक्ति का अनुपम संगम-

Started by Atul Kaviraje, September 23, 2025, 09:01:45 PM

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Atul Kaviraje

एकवीरा नवरात्र उत्सव, हिवरा (यवतमाळ): श्रद्धा और भक्ति का अनुपम संगम-

एकवीरा नवरात्र उत्सव पर हिंदी कविता-

1.

यवतमाळ के हिवरा में,
एकवीरा का उत्सव आया।
आनंद लेकर आया,
हर मन को उसने जीत लिया।

(अर्थ): यह चरण बताता है कि महाराष्ट्र के यवतमाळ जिले के हिवरा में एकवीरा देवी का उत्सव आ गया है, जो आनंद लेकर आया है और हर मन को जीत लिया है।

2.

नौ दिनों का पावन पर्व,
आई एकवीरा की पूजा।
मंदिर में भीड़ हुई,
मन में नहीं कोई दूजा।

(अर्थ): इस चरण में नौ दिनों के पवित्र त्योहार का वर्णन है, जिसमें आई एकवीरा की पूजा होती है। मंदिर में भीड़ होती है, लेकिन मन में कोई दूसरा विचार नहीं होता।

3.

घटस्थापना का शुभ दिन,
भक्ति का रंग भर गया।
देवी को साड़ी अर्पित की,
जीवन में सुख आ गया।

(अर्थ): यहाँ घटस्थापना के शुभ दिन का वर्णन है, जिसमें भक्ति का रंग भरा हुआ है। देवी को साड़ी अर्पित करने से जीवन में सुख आता है।

4.

गरबा और डांडिया का खेल,
बहुत आनंद हुआ।
नृत्य में रम गए सारे,
भक्ति का प्रवाह बढ़ गया।

(अर्थ): इस चरण में गरबा और डांडिया के खेल का वर्णन है, जिससे बहुत आनंद मिलता है। सभी लोग नृत्य में लीन हो जाते हैं और भक्ति का प्रवाह बढ़ जाता है।

5.

महाप्रसाद का भंडारा,
सबको मिला।
अन्नदान,
महान पुण्य कर्म।

(अर्थ): यहाँ महाप्रसाद के भंडारे के बारे में बताया गया है, जो सबको मिलता है। अन्नदान एक महान पुण्य कर्म है।

6.

कन्या पूजन का दिन आया,
छोटी बच्चियां खुश हो गईं।
नारी शक्ति का सम्मान,
आई को नमस्कार।

(अर्थ): यह चरण बताता है कि कन्या पूजन का दिन आया, जिससे छोटी बच्चियां खुश हो गईं। नारी शक्ति का सम्मान करते हुए आई को नमस्कार किया जाता है।

7.

उत्सव समाप्त हुआ,
पर भक्ति कायम रही।
एकवीरा आई,
आपके आशीर्वाद हमेशा।

(अर्थ): अंतिम चरण में उत्सव की समाप्ति का वर्णन है, लेकिन भक्ति हमेशा रहती है। एकवीरा आई का आशीर्वाद हमेशा रहेगा।

--अतुल परब
--दिनांक-22.09.2025-सोमवार.
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