अंबाबाई नवरात्र संगीत महोत्सव-मिरज- हिंदी कविता - माँ अंबाबाई-

Started by Atul Kaviraje, September 23, 2025, 09:09:31 PM

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Atul Kaviraje

अंबाबाई नवरात्र संगीत महोत्सव-मिरज-

हिंदी कविता - माँ अंबाबाई-

१. चरण
जब आते हैं नौ दिन, संगीत के सुरों में ढलकर,
माँ अंबाबाई आती, हर मन को निर्मल कर।
मिरज की पावन धरती, तेरी महिमा गाती,
संगीत के हर तार में, बस तेरी ही धुन आती।

अर्थ: जब नवरात्र के नौ दिन आते हैं, तो वे संगीत के सुरों में ढल जाते हैं। माँ अंबाबाई आती हैं और हर मन को शुद्ध कर देती हैं। मिरज की पवित्र धरती आपकी महिमा का गुणगान करती है, और संगीत के हर तार में बस आपकी ही धुन सुनाई देती है।
चित्र/प्रतीक: संगीत नोट 🎶, सितार 🎻, हाथ जोड़े हुए 🙏

२. चरण
झूमती हैं वादियां, तेरी भक्ति के सुरों पर,
नृत्य करते हैं बादल, तेरी महिमा के छोरों पर।
भजन कीर्तन होते, तेरा गुणगान गाते,
अंबिका माई, हम तेरे ही शरण में आते।

अर्थ: आपकी भक्ति के सुरों पर वादियां झूमती हैं, और आपकी महिमा पर बादल भी नृत्य करते हैं। हम भजन और कीर्तन गाकर आपका गुणगान करते हैं। हे अंबािका माई, हम आपकी ही शरण में आते हैं।
चित्र/प्रतीक: पहाड़ ⛰️, बादल ☁️, भक्ति का दिल ❤️

३. चरण
ख्याल और ध्रुपद, तेरी आरती गाते,
तबला और तानपुरा, तेरी महिमा बजाते।
कलाकार तेरी भक्ति में, सब कुछ भूल जाते,
तू ही है माँ, जो सबको राह दिखाती।

अर्थ: खयाल और ध्रुपद शैली में कलाकार आपकी आरती गाते हैं, और तबला-तानपुरा आपकी महिमा को बजाते हैं। कलाकार आपकी भक्ति में सब कुछ भूल जाते हैं। हे माँ, आप ही सबको सही राह दिखाती हैं।
चित्र/प्रतीक: तबला 🥁, तानपुरा 🎸, रास्ता 🛤�

४. चरण
लाल चुनरी ओढ़े, तू बैठी है सिंहासन पर,
हाथों में खड्ग-कमल, तू रक्षा करती हरपल।
दुष्टों का नाश करती, हर दुख हर लेती,
तू ही तो है माँ, जो भक्तों की सुध लेती।

अर्थ: आप लाल चुनरी ओढ़कर सिंहासन पर बैठी हैं, आपके हाथों में तलवार और कमल है। आप दुष्टों का नाश करती हैं और भक्तों का हर दुख दूर करती हैं। हे माँ, आप ही हैं जो हमेशा अपने भक्तों की देखभाल करती हैं।
चित्र/प्रतीक: सिंहासन ✨, तलवार ⚔️, लाल चुनरी 🔴

५. चरण
अन्नदान करते, हम सब एक हो जाते,
कोई बड़ा-छोटा नहीं, सब एक साथ खाते।
तेरी कृपा से, ये भंडारा भर जाता,
तू ही है माँ, जो सबको खाना खिलाती।

अर्थ: अन्नदान के समय हम सब एक होकर भोजन करते हैं। कोई बड़ा या छोटा नहीं होता, सब एक साथ खाते हैं। आपकी कृपा से यह भंडारा कभी खाली नहीं होता। हे माँ, आप ही हैं जो सभी को भोजन कराती हैं।
चित्र/प्रतीक: भोजन 🍲, लोग 👥, हाथ जोड़े 🙏

६. चरण
कलाकार गाते, तो भक्त नाचते,
हर सुर में तेरी, बस ज्योत देखते।
महोत्सव का ये रंग, हर जगह छा जाता,
हर कोई तेरे दर पर, सिर झुकाता।

अर्थ: जब कलाकार गाते हैं, तो भक्त खुशी से नाचते हैं। हर सुर में हम आपकी ज्योति देखते हैं। इस महोत्सव का रंग हर जगह छा जाता है और हर कोई आपके दरबार में सिर झुकाता है।
चित्र/प्रतीक: नाचते हुए लोग 💃🕺, सिर झुकाना 🙇�♂️

७. चरण
हे अंबाबाई माँ, हम सबका कल्याण करो,
सुख-शांति और समृद्धि से, जीवन ये भरपूर करो।
संगीत की ये गंगा, हमेशा बहती रहे,
तेरी कृपा से, हरपल जगमग रहे।

अर्थ: हे अंबाबाई माँ, आप हम सभी का कल्याण करें। हमारे जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर दें। संगीत की यह पवित्र गंगा हमेशा बहती रहे और आपकी कृपा से हमारा जीवन हमेशा रोशन रहे।
चित्र/प्रतीक: आशीर्वाद का हाथ 🙌, शांति का चिह्न 🕊�, दिल ❤️

EMOJI सारांश:

कविता: 📜

संगीत: 🎼

प्रेम: ❤️

शक्ति: 💪

शांति: 🕊�

विजय: 🏆

कृपा: ✨

--अतुल परब
--दिनांक-22.09.2025-सोमवार.
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