संत बहिणाबाई पाठक पुण्यतिथी-शिऊर, तालुका-वैजापूर, जिल्हा-छत्रपती संभाजी नगर-

Started by Atul Kaviraje, September 23, 2025, 09:11:35 PM

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Atul Kaviraje

संत बहिणाबाई पाठक पुण्यतिथी-शिऊर, तालुका-वैजापूर, जिल्हा-छत्रपती संभाजी नगर-

हिंदी कविता - संत बहिणाबाई-

१. चरण
२२ सितंबर का दिन आया, पुण्यतिथि मनाते हैं,
संत बहिणाबाई को, हम सब याद करते हैं।
शिऊर की पावन धरती, तेरी महिमा गाती,
तेरे अभंगों में, हर मन की पीड़ा मिटाती।

अर्थ: आज २२ सितंबर का दिन है और हम संत बहिणाबाई की पुण्यतिथि मना रहे हैं। शिऊर की पवित्र धरती आपकी महिमा का गुणगान करती है, और आपके अभंग हर मन की पीड़ा को दूर करते हैं।
चित्र/प्रतीक: कैलेंडर 🗓�, मन ❤️, दर्द 😢

२. चरण
जन्म लिया तूने, एक साधिका बनकर आई,
तुकाराम गुरु को पाया, भक्ति की राह में छाई।
स्वप्न में देखा, गुरु को आपने स्वीकारा,
ज्ञान की ज्योत जलाई, ये जीवन का सहारा।

अर्थ: आपने एक साधिका के रूप में जन्म लिया और अपने गुरु तुकाराम को पाकर भक्ति के मार्ग में आगे बढ़ीं। आपने उन्हें सपने में देखा और अपना गुरु मान लिया, जिससे आपके जीवन में ज्ञान की ज्योति जली और वह जीवन का सहारा बन गई।
चित्र/प्रतीक: साधिका 🧘�♀️, गुरु 👨�🏫, ज्योति 🕯�

३. चरण
परिवार ने विरोध किया, समाज ने भी रोका,
पर तेरी भक्ति को, कोई ना तोड़ सका।
विठ्ठल नाम जपकर, तूने जीवन बिताया,
भक्ति के पथ पर, हर मुश्किल को हराया।

अर्थ: आपके परिवार ने आपका विरोध किया और समाज ने भी आपको रोका, लेकिन आपकी भक्ति को कोई तोड़ नहीं सका। आपने भगवान विठ्ठल का नाम जपकर अपना जीवन बिताया और भक्ति के मार्ग पर हर मुश्किल को हराया।
चित्र/प्रतीक: परिवार 👨�👩�👧, विरोध 😡, भक्ति ✨

४. चरण
तेरे अभंगों में, भक्ति का सागर समाया,
सरल शब्दों में तूने, ज्ञान का सागर बहाया।
महिला शक्ति का, तूने ही मान बढ़ाया,
अध्यात्म की राह पर, हर महिला को चलाया।

अर्थ: आपके अभंगों में भक्ति का सागर समाया हुआ है। आपने सरल शब्दों में ज्ञान का सागर बहाया। आपने महिला शक्ति का सम्मान बढ़ाया और हर महिला को आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
चित्र/प्रतीक: सागर 🌊, महिला 👩�🦱, शक्ति 💪

५. चरण
पुण्यतिथि पर तेरी, भक्तजन हैं आते,
भजन कीर्तन करके, तुझको याद करते।
महाप्रसाद बांटकर, हम सब एक होते,
तेरी शिक्षा से ही, मानवता का पाठ सीखते।

अर्थ: आपकी पुण्यतिथि पर भक्तजन आते हैं, वे भजन और कीर्तन करके आपको याद करते हैं। महाप्रसाद बांटकर हम सब एक होते हैं और आपकी शिक्षा से ही मानवता का पाठ सीखते हैं।
चित्र/प्रतीक: लोग 👥, महाप्रसाद 🍲, मानवता ❤️

६. चरण
विठ्ठल नाम की, तूने महिमा गाई,
पंढरपुर के विठू की, तू तो दीवानी थी माई।
तू ही थी वो साधिका, जो कर्म को पूजा मानी,
सत्य और निष्ठा की, तू ही तो थी महारानी।

अर्थ: आपने भगवान विठ्ठल के नाम की महिमा गाई। आप पंढरपुर के विठ्ठल की सच्ची भक्त थीं। आप वह साधिका थीं, जिन्होंने कर्म को ही पूजा माना। आप सत्य और निष्ठा की महारानी थीं।
चित्र/प्रतीक: विठ्ठल 🙏, साधिका 🧘�♀️, निष्ठा 🕊�

७. चरण
हे बहिणाबाई संत, हम सबको ज्ञान दो,
भक्ति के मार्ग पर, चलने का वरदान दो।
तुम्हारा त्याग, हमेशा याद रहेगा,
तुम्हारी प्रेरणा से, ये जग जगमग रहेगा।

अर्थ: हे संत बहिणाबाई, आप हम सभी को ज्ञान दें। हमें भक्ति के मार्ग पर चलने का आशीर्वाद दें। आपका त्याग हमेशा याद रखा जाएगा और आपकी प्रेरणा से यह संसार हमेशा रोशन रहेगा।
चित्र/प्रतीक: ज्ञान 💡, त्याग 🤲, प्रेरणा ✨

EMOJI सारांश:

कविता: 📜

भक्ति: ❤️

ज्ञान: 💡

त्याग: 🤲

महिला शक्ति: 👩�🦱

प्रेरणा: ✨

पुण्यतिथि: 🕊�

--अतुल परब
--दिनांक-22.09.2025-सोमवार.
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