शारदीय नवरात्र आरंभ- शारदीय नवरात्रि: शक्ति, भक्ति और साधना का पर्व-🙏🌺✨💃🏹🎁

Started by Atul Kaviraje, September 24, 2025, 02:41:18 PM

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Atul Kaviraje

शारदीय नवरात्र आरंभ-

शारदीय नवरात्रि: शक्ति, भक्ति और साधना का पर्व-

शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख और अत्यंत पवित्र त्योहार है। यह नौ रातों और दस दिनों तक चलने वाला उत्सव है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और हर साल शरद ऋतु के आगमन के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का आरंभ 22 सितंबर, 2025 को हो रहा है। 🙏🌺

१. शारदीय नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि शब्द का अर्थ है 'नौ रातें'। इन नौ रातों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। यह पर्व भक्तों को आध्यात्मिक शुद्धि और मानसिक शांति प्रदान करता है।

(अ) आध्यात्मिक महत्व: इन नौ दिनों में व्रत, पूजा, जप और तपस्या करने से व्यक्ति को आंतरिक शक्ति और ऊर्जा मिलती है।

(ब) धार्मिक महत्व: यह पर्व हमें मां दुर्गा की शक्ति और उनकी कृपा का स्मरण कराता है, जिन्होंने महिषासुर जैसे राक्षस का संहार किया था।

२. नवरात्रि के नौ स्वरूप
नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिनका प्रत्येक दिन एक विशेष महत्व है।

शैलपुत्री: हिमालय की पुत्री, प्रकृति का प्रतीक। ⛰️

ब्रह्मचारिणी: तप और साधना का प्रतीक।

चंद्रघंटा: शांति और वीरता का प्रतीक।

कुष्मांडा: ब्रह्मांड को उत्पन्न करने वाली देवी।

स्कंदमाता: मातृत्व और प्रेम का प्रतीक।

कात्यायनी: शक्ति और युद्ध की देवी।

कालरात्रि: काल का नाश करने वाली।

महागौरी: पवित्रता और शांति का प्रतीक।

सिद्धिदात्री: सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली।

३. घटस्थापना और उसका विधान
नवरात्रि का आरंभ घटस्थापना से होता है, जिसे कलश स्थापना भी कहते हैं। यह शुभ मुहूर्त में किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है।

सामग्री: मिट्टी का कलश, सप्त धान्य, पवित्र मिट्टी, जल, नारियल, आम के पत्ते।

विधि: मिट्टी के पात्र में सप्त धान्य उगाए जाते हैं और उसके ऊपर कलश स्थापित किया जाता है। कलश पर नारियल रखा जाता है, जो देवी का प्रतीक है।

४. उपवास और खान-पान
नवरात्रि के दौरान भक्तगण अपनी श्रद्धा के अनुसार उपवास रखते हैं।

फलाहार: उपवास के दौरान अनाज और नमक का सेवन वर्जित होता है। भक्त फल, दूध, दही, साबूदाना और सिंघाड़े का आटा खाते हैं।

धार्मिक नियम: उपवास से शरीर और मन दोनों की शुद्धि होती है।

५. पूजा और आरती
नवरात्रि के नौ दिनों में सुबह और शाम देवी की पूजा और आरती की जाती है।

आरती: मां दुर्गा की आरती भक्ति और श्रद्धा से गाई जाती है।

मंत्र जाप: इस दौरान "ॐ दुं दुर्गायै नमः" जैसे मंत्रों का जाप किया जाता है।

६. कन्या पूजन
अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है।

विधि: नौ कन्याओं को देवी के नौ रूपों का प्रतीक मानकर उनकी पूजा की जाती है। उन्हें भोजन कराया जाता है और उपहार दिए जाते हैं।

महत्व: यह पूजन नारी शक्ति का सम्मान करने का प्रतीक है।

७. विजयादशमी और दशहरा
नवरात्रि का समापन दसवें दिन विजयादशमी के रूप में होता है।

राम-रावण युद्ध: इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था, इसलिए यह असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। 🏹

रावण दहन: इस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है।

८. गरबा और डांडिया
गुजरात में नवरात्रि के दौरान गरबा और डांडिया का आयोजन किया जाता है।

गरबा: यह एक पारंपरिक नृत्य है, जो देवी दुर्गा के सम्मान में किया जाता है।

डांडिया: डांडियों को आपस में टकराकर यह नृत्य किया जाता है, जो शक्ति का प्रतीक है। 💃

९. शारदीय नवरात्रि का संदेश
यह पर्व हमें अनेक महत्वपूर्ण संदेश देता है।

बुराई पर अच्छाई की जीत: हमें हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए।

नारी शक्ति का सम्मान: यह पर्व नारी शक्ति का सम्मान करने का संदेश देता है।

१०. नवरात्रि और समृद्धि
नवरात्रि का पर्व घर में सुख, शांति और समृद्धि लाता है।

पवित्र वातावरण: पूजा-पाठ से घर का वातावरण पवित्र और सकारात्मक बनता है।

आशीर्वाद: देवी दुर्गा अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद देती हैं। 🎁

Emoji सारांश: 🙏🌺✨💃🏹🎁💖

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-22.09.2025-सोमवार.
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