रोश हशनाह: यहूदी नव वर्ष का पावन पर्व-1-📅➡️✡️🎉➡️🙏🍎🍯➡️🐏🎺➡️❤️➡️🔄✨

Started by Atul Kaviraje, September 25, 2025, 10:16:49 AM

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Atul Kaviraje

रोश हIशन्ना-ज्यू-

रोश हशनाह: यहूदी नव वर्ष का पावन पर्व-

रोश हशनाह, जिसका शाब्दिक अर्थ है "वर्ष का शीर्ष", यहूदी धर्म का एक प्रमुख और अत्यंत पावन पर्व है। यह हिब्रू कैलेंडर के पहले महीने तिश्रेई की पहली और दूसरी तारीख को मनाया जाता है। यह केवल एक नया साल नहीं, बल्कि यहूदियों के लिए आत्म-चिंतन, प्रायश्चित और आध्यात्मिक नवीकरण का समय है। यह पर्व दो दिनों तक चलता है और इसे "न्याय के दिन" या "स्मरण के दिन" के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह माना जाता है कि इन दिनों में ईश्वर सभी मनुष्यों के कार्यों का मूल्यांकन करते हैं और उनके भाग्य का निर्णय लेते हैं। यह पर्व यॉम किप्पुर, यानी "प्रायश्चित के दिन" की शुरुआत करता है, जो दस दिनों के पश्चात्ताप की अवधि के बाद आता है।

1. रोश हशनाह क्या है?
रोश हशनाह यहूदी नव वर्ष है, जो हिब्रू कैलेंडर के सातवें महीने (तिश्रेई) के पहले दिन से शुरू होता है। हालाँकि यह सातवां महीना है, इसे नए साल की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि यह माना जाता है कि इसी दिन ईश्वर ने दुनिया का निर्माण किया था। यह पर्व यहूदी धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है और इसे एक पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य पश्चात्ताप करना और आने वाले वर्ष के लिए ईश्वर से आशीर्वाद प्राप्त करना है।

1.1. नव वर्ष का महत्व: यह केवल एक कैलेंडर वर्ष का परिवर्तन नहीं है, बल्कि एक आध्यात्मिक वर्ष की शुरुआत है। यह लोगों को अपने जीवन पर विचार करने और गलतियों को सुधारने का अवसर देता है।

1.2. दो दिवसीय उत्सव: रोश हशनाह इज़राइल में एक दिन और इज़राइल के बाहर दो दिनों तक मनाया जाता है।

2. त्यौहार का महत्व
रोश हशनाह का सबसे बड़ा महत्व आत्म-चिंतन और पश्चात्ताप में निहित है। इसे "योम है-दिन" (न्याय का दिन) भी कहा जाता है। यह माना जाता है कि इस दिन ईश्वर, "जीवन की पुस्तक" और "मृत्यु की पुस्तक" खोलते हैं और हर व्यक्ति के भविष्य का फैसला करते हैं। यह एक गंभीर लेकिन आशावादी समय है, जहाँ लोग प्रार्थना करते हैं कि उनका नाम जीवन की पुस्तक में लिखा जाए।

2.1. पश्चात्ताप और नवीकरण: यह लोगों को अपनी गलतियों को स्वीकार करने, दूसरों से माफी मांगने और एक बेहतर इंसान बनने का संकल्प लेने के लिए प्रोत्साहित करता है।

2.2. न्याय का दिन: यह दिन एक न्यायिक प्रक्रिया की तरह होता है, जहाँ हर व्यक्ति को उनके पिछले वर्ष के कर्मों के आधार पर परखा जाता है।

3. रोश हशनाह की तिथियाँ
यह हिब्रू कैलेंडर के तिश्रेई महीने की पहली और दूसरी तारीख को मनाया जाता है। चूँकि हिब्रू कैलेंडर चंद्र-सौर चक्र पर आधारित है, इसकी तारीखें ग्रेगोरियन कैलेंडर में हर साल बदलती रहती हैं। 2025 में, यह 22 से 23 सितंबर को मनाया जाएगा।

3.1. हिब्रू कैलेंडर: हिब्रू कैलेंडर में साल की शुरुआत वसंत या शरद ऋतु में हो सकती है, जो इसे ग्रेगोरियन कैलेंडर से अलग बनाता है।

3.2. चंद्र-सौर चक्र: यह कैलेंडर चंद्रमा की कलाओं (phases) और सूर्य के चक्रों का संयोजन है, जो इसे अन्य कैलेंडरों से विशेष बनाता है।

4. शॉफ़र बजाना 🐏🎺
शॉफ़र एक राम (भेड़) के सींग से बना एक वाद्य यंत्र है, जिसका रोश हशनाह में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। इसे बजाना इस पर्व का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। शॉफ़र की आवाज़ लोगों को उनकी आध्यात्मिक नींद से जगाने और पश्चात्ताप के लिए प्रेरित करने का प्रतीक है।

4.1. शॉफ़र की आवाज़: इसकी आवाज़ को भगवान द्वारा दी गई एक चेतावनी और आध्यात्मिक जागरण के आह्वान के रूप में देखा जाता है।

4.2. प्रतीकवाद: शॉफ़र की आवाज़ यहूदी लोगों को अपने पूर्वजों और उनकी परंपराओं से जोड़ती है।

5. पर्व से जुड़ी परंपराएं और रीति-रिवाज 🙏✡️
रोश हशनाह कई परंपराओं से भरा हुआ है, जो इसके आध्यात्मिक महत्व को दर्शाते हैं। लोग इस दिन सिनगॉग (यहूदी पूजा स्थल) में विशेष प्रार्थनाओं में भाग लेते हैं।

5.1. विशेष प्रार्थनाएं: लंबी और भक्तिपूर्ण प्रार्थनाएं इस दिन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये प्रार्थनाएं पश्चात्ताप, कृतज्ञता और भविष्य के लिए आशा पर केंद्रित होती हैं।

5.2. शनाह तोवा (Shanah Tovah): यहूदी एक-दूसरे को "शनाह तोवा" कहकर शुभकामनाएं देते हैं, जिसका अर्थ है "एक अच्छा वर्ष"।

रोश हशनाह: इमोजी सारंश
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--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-23.09.2025-मंगळवार.
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