किन राजवंश (Qin Dynasty)- कविता: किन राजवंश की गाथा 🤴-🤴🧱🏺📜🇨🇳

Started by Atul Kaviraje, September 25, 2025, 06:30:44 PM

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Atul Kaviraje

किन राजवंश (Qin Dynasty)-

कविता: किन राजवंश की गाथा 🤴-

चरण 1:
सदियों के युद्ध, अशांति का काल,
अलग-थलग राज्य, हर पल बवाल।
एक योद्धा आया, शक्ति का सागर,
किया सब राज्यों को, एक ही नगर।

अर्थ: यह कविता युद्धरत राज्यों की अवधि का वर्णन करती है, जब चीन कई राज्यों में बंटा हुआ था। फिर किन राज्य का राजा, शी हुआंगदी आया, जिसने अपनी शक्ति से सभी राज्यों को जीत लिया और एक ही राष्ट्र बनाया।

चरण 2:
नाम दिया 'पहला सम्राट' महान,
यिंग झेंग बना शी हुआंगदी, जिसकी शान।
कठोर कानून, नियम और न्याय,
बनाया एक साम्राज्य, हर तरफ जिसकी राय।

अर्थ: एकीकरण के बाद, यिंग झेंग ने खुद को 'शी हुआंगदी' घोषित किया। उसने कठोर कानूनों के माध्यम से एक केंद्रीकृत और शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की।

चरण 3:
कागज, कलम और मुद्रा एक,
हर माप-तौल का बनाया विवेक।
लिखने की शैली, एक रूप दी,
पूरे राष्ट्र की एकता की नींव सी।

अर्थ: यह किन राजवंश के मानकीकरण के प्रयासों को दर्शाता है। सम्राट ने पूरे साम्राज्य में मुद्रा, माप, वजन और लेखन प्रणाली को मानकीकृत किया, जिससे व्यापार और प्रशासन में बहुत सुधार हुआ।

चरण 4:
बनी महान दीवार, जिसकी पहचान,
रेत और मिट्टी में, छिपा उसका मान।
उत्तर के हमलावरों से रक्षा की,
परिश्रम की वो गाथा, आज भी बाकी।

अर्थ: यह चीन की महान दीवार के निर्माण का वर्णन करता है। यह दीवार उत्तरी खानाबदोशों के हमलों से रक्षा के लिए बनाई गई थी और आज भी मानव श्रम की एक अद्भुत मिसाल है।

चरण 5:
आठ हज़ार सैनिकों की वो सेना,
मृत्यु के बाद भी, देती थी प्रेरणा।
टेराकोटा की मिट्टी के वो वीर,
सम्राट के संग, बने रहे अमीर।

अर्थ: यह टेराकोटा सेना का उल्लेख करता है। सम्राट ने अपने मकबरे के लिए मिट्टी के सैनिकों की एक विशाल सेना बनवाई, ताकि वे मृत्यु के बाद भी उसकी रक्षा कर सकें।

चरण 6:
जला दीं किताबें, दफनाए विद्वान,
रोकना चाहा ज्ञान का उड़ान।
शक्ति की प्यास, जिसने सब मिटाया,
पर प्रजा के दिल में, विद्रोह जगाया।

अर्थ: यह शी हुआंगदी की क्रूरता को दर्शाता है, जिसने अपनी सत्ता के लिए ज्ञान और विचारों का दमन किया। उसने किताबें जलवाईं और विद्वानों को दफनाया, जिससे जनता में असंतोष बढ़ा।

चरण 7:
कम समय चला, वो राजवंश का नाम,
पर चीन की बुनियाद का, किया उसने काम।
वंश हुआ खत्म, पर नाम अमर,
चीन नाम हुआ, किन से ही मशहूर।

अर्थ: यह कविता का निष्कर्ष है, जो किन राजवंश के संक्षिप्त शासनकाल और उसके स्थायी प्रभाव को दर्शाता है। भले ही यह राजवंश जल्दी समाप्त हो गया, लेकिन इसने चीन के लिए एक केंद्रीकृत राज्य की नींव रखी, और चीन का नाम भी 'किन' से ही आया।

ईमोजी सारांश: 🤴🧱🏺📜🇨🇳

🤴: सम्राट

🧱: महान दीवार

🏺: टेराकोटा सेना

📜: मानकीकरण और कानून

🇨🇳: चीन का एकीकरण

--अतुल परब
--दिनांक-25.09.2025-गुरुवार.
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