🙏🌺श्री साईं बाबा और भक्तों का समर्पण 🌺🙏-💖💫✨

Started by Atul Kaviraje, September 26, 2025, 04:41:55 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

🙏🌺श्री साईं बाबा और भक्तों का समर्पण 🌺🙏-

🙏🌺 साईं बाबा की महिमा (कविता) 🌺🙏-

चरण १:
शिरडी के साईं, आप हैं महान,
आपके चरणों में, सारा जग वंदन।
भक्तों के दुःख, आप लेते हैं पल में,
आपकी कृपा से, आता आनंद-शांत।

अर्थ: हे शिरडी के साईं, आप महान हैं, आपके चरणों में सारा संसार वंदन करता है। आप भक्तों के दुःख तुरंत दूर करते हैं, और आपकी कृपा से आनंद और शांति मिलती है।

चरण २:
श्रद्धा और सबुरी, आपका उपदेश,
जीवन में टिका रहता है, शांति का संदेश।
आप पर विश्वास, रखता हूँ मैं सदा,
आपके ही नाम से, दूर होती है बाधा।

अर्थ: श्रद्धा और सबुरी, यह आपका संदेश है, जो जीवन में शांति का संदेश बनाए रखता है। मैं आप पर हमेशा विश्वास रखता हूँ, और आपके नाम से सभी संकट दूर होते हैं।

चरण ३:
उदी की महिमा, आपने ही बताई,
रोग और क्लेश, सभी मिटाए।
आपकी उदी, अमृत के जैसी,
जीवों को मिलती है, शांति की चाख।

अर्थ: उदी की महिमा आपने ही बताई है, जिससे रोग और दुःख सभी मिट जाते हैं। आपकी उदी अमृत के जैसी है, जिससे जीवों को शांति का अनुभव मिलता है।

चरण ४:
गुरु-शिष्य परंपरा, आपने ही सिखाई,
अहंकार की गांठ, आपने ही छुड़ाई।
आपके चरणों में, मेरा समर्पण,
मुझे मिला, आत्म-ज्ञान और धन।

अर्थ: गुरु-शिष्य परंपरा आपने ही सिखाई और अहंकार की गांठ भी आपने ही खोली। आपके चरणों में मेरे समर्पण से मुझे आत्म-ज्ञान और धन मिला।

चरण ५:
आपकी सेवा, मेरा कर्तव्य,
आपके नाम का जाप, मेरा सत्य।
आप ही माता, आप ही पिता,
आप ही गुरु, आप ही विधाता।

अर्थ: आपकी सेवा करना मेरा कर्तव्य है और आपके नाम का जाप करना मेरा सत्य है। आप ही मेरे माता-पिता, गुरु और विधाता हैं।

चरण ६:
सादा जीवन, आपने जिया,
भक्तों का प्रेम, आपने ही भरा।
भिक्षा मांगकर, आपने खाया,
सभी को आपने, एक ही किया।

अर्थ: आपने सादा जीवन जिया और भक्तों के हृदय में प्रेम भरा। आपने भिक्षा मांगकर खाया और सभी को एकसमान माना।

चरण ७:
हे साईं बाबा, आप दयालु महान,
आपके चरणों में, मेरा जीवन संपूर्ण।
आपकी कृपा, मुझ पर बनी रहे,
मेरे हृदय में, आपका वास हो।

अर्थ: हे साईं बाबा, आप महान और दयालु हैं। आपके चरणों में मेरा जीवन पूर्ण हो गया है। आपकी कृपा मुझ पर बनी रहे और मेरे हृदय में आपका वास हो।

भावार्थ: यह कविता श्री साईं बाबा की महिमा का वर्णन करती है। इसमें उनके "श्रद्धा और सबुरी" के संदेश का, उदी के महत्व का, और भक्तों की उन पर श्रद्धा का वर्णन किया गया है। यह स्पष्ट करती है कि साईं बाबा की कृपा से भक्तों का जीवन शांत, संतुष्ट और प्रेममय बनता है। 💖💫✨

--अतुल परब
--दिनांक-25.09.2025-गुरुवार.
===========================================