हिंदी कविता: "दत्तचैतन्य, ज्ञान का सागर"-🙏🕯️📚💖🏡🎵🌿

Started by Atul Kaviraje, September 26, 2025, 05:19:35 PM

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Atul Kaviraje

दत्तचैतन्य विष्णु चिंदरकर महाराज पुण्यतिथी-दापोली (खेड), जिल्हा-रत्नागिरी-

दत्तचैतन्य विष्णु चिंदरकर महाराज पुण्यतिथी: दापोली, रत्नागिरी का पावन स्मरण-

हिंदी कविता: "दत्तचैतन्य, ज्ञान का सागर"-

चरण 1
दत्तचैतन्य, तुम हो ज्ञान के सागर,
तुम्हारी कृपा से, भरा हर घर।
दापोली की पावन धरती पर,
तुमने जलाया, भक्ति का दीया।

अर्थ: हे दत्तचैतन्य महाराज, आप ज्ञान के सागर हैं और आपकी कृपा से हर घर में खुशियां भरी हैं। दापोली की पवित्र भूमि पर आपने भक्ति का दीपक जलाया।

चरण 2
विष्णु चिंदरकर, नाम तुम्हारा,
गुरु की कृपा से, जीवन संवारा।
दत्त संप्रदाय की, तुमने शान बढ़ाई,
हर भक्त की, तुमने पीड़ा मिटाई।

अर्थ: आपका नाम विष्णु चिंदरकर था, और आपने अपने गुरु की कृपा से अपना जीवन संवारा। आपने दत्त संप्रदाय की महिमा बढ़ाई और हर भक्त की पीड़ा को दूर किया।

चरण 3
नामस्मरण की, महिमा सिखाई,
हर हृदय में, शांति जगाई।
सादगी और सेवा का, पाठ पढ़ाया,
जीवन को तुमने, नया अर्थ दिलाया।

अर्थ: आपने भगवान के नामस्मरण की महिमा सिखाई और हर हृदय में शांति स्थापित की। आपने सादगी और सेवा का पाठ पढ़ाया, और जीवन को एक नया अर्थ दिया।

चरण 4
तुम्हारे आश्रम में, मिलता है सुकून,
जैसे खिल रहा, कोई नया फुन।
भजन, कीर्तन की, गूँज निराली,
तुम्हारे चरणों में, मिलती है हरियाली।

अर्थ: आपके आश्रम में मन को शांति और सुकून मिलता है, जैसे कोई नया फूल खिल रहा हो। वहां होने वाले भजन और कीर्तन की आवाज बहुत अनोखी है, और आपके चरणों में सभी को शांति और समृद्धि मिलती है।

चरण 5
पुण्यतिथि का दिन, यह पावन घड़ी,
तुम्हें याद करती, हर एक पीढ़ी।
तुम्हारे उपदेशों की, मशाल जलाते,
सत्य और धर्म का, मार्ग अपनाते।

अर्थ: आपकी पुण्यतिथि का यह दिन बहुत पवित्र है। हर पीढ़ी आपको इस दिन याद करती है। आपके उपदेशों की मशाल जलाकर, हम सत्य और धर्म के मार्ग पर चलते हैं।

चरण 6
गरीबों की सेवा, तुम्हारा धर्म था,
मानवता का, तुममें एक मर्म था।
भेदभाव के तुम, थे बहुत विरोधी,
सबको अपनाया, थे तुम योगी।

अर्थ: गरीबों की सेवा करना आपका धर्म था, और आप में मानवता की भावना गहराई तक थी। आप भेदभाव के विरोधी थे और आपने सभी को समान रूप से अपनाया, क्योंकि आप एक सच्चे योगी थे।

चरण 7
दत्त महाराज, तुम हमारे गुरु,
तुम्हारी भक्ति से, जीवन हो शुरू।
तुम्हारे चरणों में, हमारा प्रणाम,
कर दो कृपा हम पर, हे मेरे राम।

अर्थ: हे दत्त महाराज, आप हमारे गुरु हैं। आपकी भक्ति से हमारा जीवन शुरू होता है। हम आपके चरणों में प्रणाम करते हैं, हे मेरे राम (प्रभु), हम पर अपनी कृपा बनाए रखिए।

Emoji सारांश: 🙏🕯�📚💖🏡🎵🌿

--अतुल परब
--दिनांक-25.09.2025-गुरुवार.
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