सूर्य हस्त नक्षत्र प्रवेश-वाहन-मोर-"हस्त नक्षत्र का आगमन"-

Started by Atul Kaviraje, September 27, 2025, 06:20:34 PM

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Atul Kaviraje

सूर्य हस्त नक्षत्र प्रवेश-वाहन-मोर-
     
सूर्य का हस्त नक्षत्र में प्रवेश - भक्ति और कर्म का दिव्य संयोग-

हिंदी कविता: "हस्त नक्षत्र का आगमन"-

चरण (Stanza)   हिंदी कविता (Hindi Poem)   प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ (Short Meaning)

१   आज सताइस सितंबर की घड़ी है,   आज २७ सितंबर का शुभ समय है।
सूर्य देव की शक्ति बड़ी है।   सूर्य देव की शक्ति बहुत महान है।
उत्तरा छोड़, हस्त में आए,   वे उत्तरा फाल्गुनी को छोड़कर, हस्त नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं।
भाग्य जगाने नई राह दिखाए।   यह परिवर्तन भाग्य को जगाएगा और नया मार्ग दिखाएगा।

२   नक्षत्र है ये चंद्रमा का प्यारा,   यह नक्षत्र चंद्रमा का प्रिय है।
मन को देता है शीतल किनारा।   यह मन को शांति और शीतलता प्रदान करता है।
सूर्य का तेज जब इसमें समाए,   जब सूर्य का तेज इस नक्षत्र में प्रवेश करता है,
करुणा, ज्ञान की ज्योति जलाए।   तो यह करुणा (दया) और ज्ञान की रोशनी फैलाता है।

३   वाहन है इसका सुंदर मयूर,   इस नक्षत्र का वाहन सुंदर मोर (मयूर) है।
जो भगाए जीवन से सब कसूर।   जो जीवन से सारी कमियाँ और दोष दूर करता है।
कृष्णा के मुकुट की यह है शान,   यह भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट की शोभा है।
सिखलाता है हमको आत्म-सम्मान।   और हमें आत्म-सम्मान रखना सिखाता है।

४   'हस्त' यानी हाथों में हो कमाल,   'हस्त' का अर्थ है कि हमारे हाथों में विशेष कौशल हो।
मेहनत से बदल जाए हर हाल।   कि कड़ी मेहनत से हर स्थिति को बदला जा सकता है।
शिल्प, कला में निपुणता लाओ,   शिल्प और कला के काम में कुशलता हासिल करो,
नए सृजन का बीज तुम बोओ।   और नए रचनात्मक कार्यों की शुरुआत करो।

५   वर्षा का संकेत, समृद्धि का गीत,   यह अच्छी बारिश और खुशहाली का संकेत है।
किसानों का यह सच्चा मीत।   यह किसानों का सच्चा मित्र है।
धन-धान्य की हो हर ओर भरमार,   चारों ओर धन और अनाज की प्रचुरता हो,
खुशहाली लाए यह नक्षत्र-व्यवहार।   और यह नक्षत्र-परिवर्तन जीवन में खुशहाली लाए।

६   सुबह उठकर सूर्य को जल दो,   रोज सुबह उठकर सूर्य देव को जल अर्पित करो।
मन के सारे भेद को हल दो।   और अपने मन की सभी उलझनों को सुलझाओ।
मयूर पंख से घर को सजाओ,   अपने घर को मयूर पंख से सजाओ (शुभता के लिए),
सकारात्मकता जीवन में लाओ।   और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भरो।

७   कर्म ही पूजा, भक्ति ही सार,   कर्म ही हमारी पूजा है, और भक्ति ही जीवन का सार है।
यही सिखाए यह नक्षत्र-संचार।   यह नक्षत्र-परिवर्तन हमें यही संदेश देता है।
आत्म-तेज से भर जाए हर प्राण,   हर व्यक्ति आत्मविश्वास के तेज से भर जाए,
मिल जाए सबको सच्चा कल्याण।   और सभी को सच्चा कल्याण प्राप्त हो।

--अतुल परब
--दिनांक-27.09.2025-शनिवार.
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