२९ सितंबर, २०२५ (सोमवार) को 'त्रिरात्रोत्सव' (तीन रातों का उत्सव)-2-🔱 🪔 🥁 💛

Started by Atul Kaviraje, September 30, 2025, 10:34:14 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

त्रिरात्रौत्सवIरंभ-

६. आध्यात्मिक फल और कर्मों का क्षय (Spiritual Fruit and Karma Dissolution)
अ. आत्मिक उन्नति: त्रिरात्रोत्सव की साधना से आत्मा की शुद्धि होती है और वह अपने वास्तविक स्वरूप को पहचानती है।

ब. कर्म बंधन: इन तीन रातों की घनीभूत साधना से जन्म-जन्मांतर के कर्म बंधन क्षीण होते हैं। 🔗

७. प्रसाद और भोग का अर्पण (Offering of Prasad and Bhog)
अ. विशिष्ट भोग: प्रत्येक रात्रि देवी के स्वरूपानुसार विशिष्ट भोग (जैसे खीर, मालपुआ, फल) का अर्पण किया जाता है।

ब. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद का वितरण करना अनिवार्य है, जो देवी के आशीर्वाद को सब में बाँटने का प्रतीक है। 🍎

८. तमस, रजस और सत्त्व पर विजय (Victory over Tamas, Rajas, and Sattva)
अ. तीनों गुण: ये तीन रातें मानव स्वभाव के तीन गुणों पर विजय प्राप्त करने का प्रशिक्षण काल हैं।

ब. संतुलन: उत्सव का अंतिम लक्ष्य इन तीनों गुणों में संतुलन स्थापित कर जीवन को शांत और सफल बनाना है। ⚖️

९. उत्सव का समापन और उद्यापन (The Conclusion and Udyapan of the Festival)
अ. हवन और कन्या पूजन: उत्सव के अंत में हवन करके देवी को आहुति दी जाती है और कन्या पूजन (छोटी बच्चियों का पूजन) किया जाता है।

ब. विसर्जन: घटस्थापना के जल का विसर्जन किया जाता है और देवी से स्थाई निवास के लिए प्रार्थना की जाती है।

१०. नारी शक्ति का सम्मान और सामाजिक संदेश (Respect for Female Power and Social Message)
अ. मातृ शक्ति: यह पर्व नारी शक्ति और मातृ शक्ति के सम्मान का संदेश देता है, क्योंकि देवी दुर्गा स्वयं ब्रह्मांड की जननी हैं।

ब. सामाजिक एकता: सामूहिक रूप से यह उत्सव मनाना सामाजिक एकता और भाईचारे को मजबूत करता है। 🤝

EMOJI सारंंश (Emoji Summary)
🔱 🪔 🥁 💛 🤍 🖤 ✨ 🏺 🙏

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-29.09.2025-सोमवार. 
===========================================