MAJARUH सुलतानपुरी (उर्दू कवि, गीतकार)१ ऑक्टोबर १९१९-1- ✍️➡️🎤➡️🎬➡️🏆➡️❤️

Started by Atul Kaviraje, October 02, 2025, 03:15:52 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

MAJARUH सुलतानपुरी (उर्दू कवि, गीतकार)   १ ऑक्टोबर १९१९

मजरूह सुल्तानपुरी: गीतों का शहंशाह-

1 अक्टूबर 1919 को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में जन्मे असगर हुसैन खान, जिन्हें हम सब मजरूह सुल्तानपुरी के नाम से जानते हैं, भारतीय सिनेमा के एक महान उर्दू कवि और गीतकार थे। उनका जीवन शायरी और संगीत के प्रति उनके जुनून को दर्शाता है, जिसने उन्हें दशकों तक भारतीय संगीत उद्योग पर राज करने का अवसर दिया।

1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा 🏫
मजरूह का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता एक पुलिस कांस्टेबल थे और वे चाहते थे कि उनका बेटा धार्मिक शिक्षा प्राप्त करे।

जन्म: 1 अक्टूबर 1919, सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश।

पारिवारिक पृष्ठभूमि: उनके पिता चाहते थे कि वे एक मौलवी बनें।

शुरुआती शिक्षा: उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मदरसे में प्राप्त की।

उर्दू शायरी की ओर रुझान: उन्होंने उर्दू शायरी को पढ़ना शुरू किया और जल्द ही उसमें अपनी रुचि विकसित कर ली। वे उस समय के प्रसिद्ध शायरों से बहुत प्रभावित थे।

2. उर्दू शायरी से गीतकार तक का सफर ✍️
मजरूह ने अपनी यात्रा एक मुशायरे के कवि के रूप में शुरू की।

पहला मुशायरा: उन्होंने अपनी पहली कविता एक मुशायरे में पढ़ी और श्रोताओं से जबरदस्त प्रशंसा मिली।

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का प्रभाव: महान शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ने उन्हें मुंबई जाकर फिल्म उद्योग में अपनी किस्मत आजमाने की सलाह दी।

शुरुआती संघर्ष: मुंबई में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

3. हिंदी फिल्म उद्योग में प्रवेश 🎬
1940 के दशक में, मजरूह सुल्तानपुरी ने हिंदी फिल्म उद्योग में प्रवेश किया।

पहला ब्रेक: उन्हें 1946 में फिल्म 'शाहजहां' से पहला बड़ा ब्रेक मिला, जिसमें उन्होंने अपने पहले गीत 'जब दिल ही टूट गया' को लिखा। यह गीत गायक कुंदन लाल सहगल द्वारा गाया गया था।

प्रमुख निर्देशकों के साथ काम: उन्होंने गुरु दत्त, बिमल रॉय, राज कपूर और देव आनंद जैसे महान निर्देशकों के साथ काम किया।

प्रसिद्ध फिल्में: उनकी कुछ प्रसिद्ध फिल्मों में 'प्यासा', 'गाइड', 'तीसरी कसम', और 'दो बीघा जमीन' शामिल हैं।

4. संगीत की शैलियों और विविधता 🎼
मजरूह सुल्तानपुरी की सबसे बड़ी खूबी उनकी गीत लेखन की विविधता थी।

रोमांटिक गीत: उन्होंने 'गाता रहे मेरा दिल' और 'रूप तेरा मस्ताना' जैसे कई रोमांटिक गीत लिखे, जो आज भी काफी लोकप्रिय हैं।

सामाजिक और राजनीतिक गीत: उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी गीत लिखे, जैसे 'देखें तेरी दुनिया क्या है' (प्यासा)।

लोकगीत-आधारित गीत: उन्होंने भारतीय लोकगीतों से प्रेरित होकर कई गाने लिखे, जो उनकी लेखन शैली की गहराई को दर्शाते हैं।

5. महान संगीतकार और गायकों के साथ काम 🎤
मजरूह ने अपने करियर में कई महान संगीतकारों और गायकों के साथ काम किया।

एस. डी. बर्मन और आर. डी. बर्मन: उन्होंने एस. डी. बर्मन के साथ 'गाइड' जैसी फिल्मों में काम किया और बाद में उनके बेटे आर. डी. बर्मन के साथ भी कई हिट दिए।

लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और राजेश रोशन: उन्होंने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और राजेश रोशन के साथ भी कई सफल गाने बनाए।

मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, और लता मंगेशकर: उन्होंने इन महान गायकों के लिए सैकड़ों गीत लिखे। 'ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे' (शोले) और 'चोरी चोरी चुपके चुपके' (टैक्सी ड्राइवर) जैसे गीत उनके अमर योगदान का प्रमाण हैं।

सारांश (Emoji): ✍️➡️🎤➡️🎬➡️🏆➡️❤️

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-01.10.2025-बुधवार. 
===========================================