बापू: एक व्यक्ति नहीं, एक युग प्रवर्तक विचार 🙏🕊️🇮🇳-महात्मा गांधी जयंती-🕊️🙏

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2025, 11:42:43 AM

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Atul Kaviraje

महात्मा गांधी जयंती - सत्य और अहिंसा के पुजारी को नमन-

🇮🇳🕊�🙏 बापू: एक व्यक्ति नहीं, एक युग प्रवर्तक विचार 🙏🕊�🇮🇳

हिंदी कविता - महात्मा गांधी जयंती-

शीर्षक: बापू की अमर वाणी (Bapu's Immortal Voice)-

चरण   कविता (04 पंक्तियाँ)   हिंदी अर्थ (Short Meaning)

01.   दो अक्टूबर का ये दिन, एक महान कथा सुनाता है।   2 अक्टूबर का यह दिन एक महान व्यक्ति (गांधीजी) की कहानी सुनाता है।
पोरबंदर में जन्म लिया, जिसने भारत को जगाता है।   पोरबंदर में जन्मे, जिन्होंने पूरे भारत को स्वतंत्रता के लिए जागृत किया।
महात्मा बन गए बापू, सत्य का दीप जलाता है।   वे महात्मा (महान आत्मा) बन गए, और हमेशा सच्चाई का प्रकाश फैलाते हैं।
अहिंसा की शक्ति से, आज़ादी हमें दिलाता है।   उन्होंने अहिंसा की ताकत से हमें देश की आज़ादी दिलाई।

02.   हाथों में चरखा घूमता था, खादी उनका परिधान था।   उनके हाथों में चरखा चलता था, और खादी (हाथ से बुने कपड़े) ही उनका वस्त्र था।
स्वदेशी का पाठ पढ़ाया, आत्मनिर्भरता का ज्ञान था।   उन्होंने स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग का पाठ पढ़ाया, और आत्मनिर्भरता का ज्ञान दिया।
सादा जीवन, उच्च विचार, यही उनका पहचान था।   सादा जीवन और ऊँचे विचार, यही उनकी पहचान थी।
विदेशी कपड़ों को जलाया, भारत का वो अभिमान था।   उन्होंने विदेशी कपड़ों का बहिष्कार किया, वे भारत का गौरव थे।

03.   दांडी जाकर नमक उठाया, सत्य का आग्रह करता था।   वे दांडी तक पैदल गए और नमक कानून तोड़ा, वे हमेशा सत्य पर अड़े रहते थे।
बुरा न देखो, बुरा न सुनो, बुरा न कहो, ये मंत्र जपता था।   बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो—वे यही शिक्षा देते थे।
हरिजन के उद्धार की खातिर, सारा जीवन तपता था।   समाज के निचले तबके (हरिजन) के उत्थान के लिए उन्होंने अपना सारा जीवन समर्पित कर दिया।
भेदभाव की दीवार तोड़ी, एकता का बंधन रचता था।   उन्होंने भेदभाव की दीवारें तोड़ीं और देश में एकता का बंधन बनाया।

04.   रामराज्य का स्वप्न देखा, नैतिक राज की थी इच्छा।   उन्होंने एक आदर्श शासन (राम राज्य) का सपना देखा, जहाँ नैतिकता पर आधारित राज्य हो।
न्याय मिले सब को समान, यही थी उनकी मुख्य शिक्षा।   सबको समान न्याय मिले, यही उनकी सबसे महत्वपूर्ण सीख थी।
गरीबों को हक मिल जाए, यही उनकी एक भिक्षा।   गरीबों को उनका अधिकार मिल जाए, यही उनकी एकमात्र इच्छा (भिक्षा) थी।
सत्य पथ पर जो भी चला, पाई जीवन की दीक्षा।   जो भी सच्चाई के रास्ते पर चला, उसे जीवन की सही राह मिली।

05.   स्वच्छता को माना धर्म, गन्दगी से दूर रहे मन।   उन्होंने सफाई को धर्म माना, और मन को भी गंदगी (बुरे विचारों) से दूर रखने को कहा।
तन की सफाई, मन की सफाई, तभी हो सुंदर ये चमन।   शरीर की और मन की सफाई जरूरी है, तभी यह संसार सुंदर बन सकता है।
ईश्वर ने सबको है बनाया, एक समान हैं सभी जन।   ईश्वर ने सभी को एक जैसा बनाया है, सभी मनुष्य समान हैं।
सर्वधर्म समभाव का बीज, बो गए भारत का आँगन।   उन्होंने भारत के आँगन में सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान का बीज बो दिया।

06.   मंडेला और मार्टिन लूथर, उनकी राह पर चल निकले।   नेल्सन मंडेला और मार्टिन लूथर किंग जूनियर जैसे नेता उनके बताए रास्ते पर चले।
विश्व को अहिंसा सिखाई, सब के मन के बंधन ढीले।   उन्होंने दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाया, जिससे सभी के मन के सारे बंधन खुल गए।
आज भी उनकी वाणी गूँजे, जब भी मन के द्वार खुले।   आज भी उनके शब्द गूँजते हैं, जब भी हमारा मन शांत और विचारशील होता है।
याद रखें उनका बलिदान, जो आज भी है अनमोल।   हमें उनका बलिदान याद रखना चाहिए, जिसका मूल्य आज भी बहुत अधिक है।

07.   आओ मिलकर प्रण करें, बापू के आदर्श अपनाएँगे।   आओ, हम सब मिलकर संकल्प लें कि गांधीजी के सिद्धांतों का पालन करेंगे।
प्रेम और भाईचारे से, इस देश को हम सजाएँगे।   हम प्रेम और भाईचारे से अपने देश को और बेहतर बनाएँगे।
अहिंसा और सत्य की राह पर, एक नया भारत बनाएँगे।   हम अहिंसा और सच्चाई के रास्ते पर चलकर एक नया भारत का निर्माण करेंगे।
गांधी जयंती अमर रहे, उनकी शिक्षाएँ नहीं भूलेंगे।   गांधी जयंती अमर रहे, हम उनकी शिक्षाओं को कभी नहीं भूलेंगे।

इमोजी सारांश (Emoji Summary) - हिंदी कविता
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--अतुल परब
--दिनांक-02.10.2025-गुरुवार.
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