लाल बहादुर शास्त्री जयंती- शीर्षक: जय जवान, जय किसान का उद्घोष-🙏🌾⚔️🚂💯🧑‍🌾

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2025, 11:43:40 AM

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Atul Kaviraje

लाल बहादुर शास्त्री जयंती - जय जवान, जय किसान के प्रणेता को नमन-

🇮🇳🌾⚔️ सादगी, संकल्प और स्वाभिमान की प्रतिमूर्ति ⚔️🌾🇮🇳

हिंदी कविता - लाल बहादुर शास्त्री जयंती-

शीर्षक: जय जवान, जय किसान का उद्घोष-

चरण   कविता (04 पंक्तियाँ)   हिंदी अर्थ (Short Meaning)

01.   दो अक्टूबर का दिन है पावन, दो महान विभूति जन्मी।   2 अक्टूबर का दिन पवित्र है, इस दिन दो महान हस्तियों ने जन्म लिया।
गाँधी के संग शास्त्री जी भी, सादगी जिनकी रही धर्मी।   महात्मा गांधी के साथ शास्त्री जी का भी जन्म हुआ, जिनकी सादगी ही उनका धर्म थी।
विनम्रता और साहस की वो, एक अनोखी थी नमी।   उनकी विनम्रता और साहस में एक अनोखी कोमलता थी।
पद से ऊपर रहा चरित्र, उनकी निष्ठा कभी न थमी।   पद से ऊपर उनका चरित्र था, और उनकी निष्ठा कभी नहीं रुकी।

02.   गरीबी की आग में तप कर, ज्ञान का दीप जलाया था।   उन्होंने गरीबी की आग में तपकर भी (संघर्ष करके) ज्ञान का दीपक जलाया था।
काशी विद्यापीठ से आकर, 'शास्त्री' पद को पाया था।   काशी विद्यापीठ से शिक्षा प्राप्त करके उन्हें 'शास्त्री' की उपाधि मिली थी।
जन सेवा के मार्ग पर ही, हर मुश्किल को हराया था।   उन्होंने जन सेवा के मार्ग पर चलकर हर कठिनाई को हराया था।
रेल दुर्घटना की ज़िम्मेदारी, त्याग का पाठ पढ़ाया था।   रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेकर उन्होंने पद त्याग दिया, जिससे त्याग का पाठ पढ़ाया।

03.   जब दुश्मन ने आँख दिखाई, भारत को ललकारा था।   जब शत्रु ने भारत पर हमला किया और चुनौती दी थी।
शास्त्री जी ने साहस दिखाया, सेना को हुंकारा था।   शास्त्री जी ने हिम्मत दिखाई और सेना को युद्ध के लिए प्रेरित किया।
"एक इंच भी पीछे हटना नहीं," ऐसा आदेश हमारा था।   "एक इंच भी पीछे नहीं हटना," यह उनका स्पष्ट आदेश था।
जय जवान, जय किसान का, नारा देश ने स्वीकारा था।   देश ने "जय जवान, जय किसान" के उनके नारे को स्वीकार किया।

04.   अन्न की कमी हुई जब देश में, खुद उपवास का प्रण लिया।   जब देश में अनाज की कमी हुई, तो उन्होंने खुद उपवास रखने का संकल्प लिया।
एक शाम चूल्हा न जले घर में, जनता से आह्वान किया।   उन्होंने जनता से अपील की कि वे देश के लिए एक शाम खाना न बनाएँ।
श्वेत क्रांति का आधार रखा, दुग्ध उत्पादन को बल दिया।   उन्होंने श्वेत क्रांति की नींव रखी और दूध उत्पादन को बढ़ावा दिया।
आत्मनिर्भरता की राह दिखाई, भारत को संबल दिया।   उन्होंने आत्मनिर्भरता का मार्ग दिखाया और भारत को शक्ति प्रदान की।

05.   सादा जीवन, खादी वस्त्र, मन में कोई न मैल था।   उनका जीवन सादा था, खादी के कपड़े पहनते थे, और मन में कोई बुराई नहीं थी।
नैतिकता के शिखर पर थे, जीवन एक पवित्र रेल था।   वे नैतिकता के शिखर पर थे, उनका जीवन एक पवित्र यात्रा जैसा था।
ताशकंद में समझौता कर, गए जहाँ शांत जैल था।   ताशकंद में समझौता करने के बाद उनका दुखद निधन हो गया, जहाँ शांति का माहौल था।
अमर हो गए शास्त्री जी, उनका बलिदान अनमोल।   शास्त्री जी अमर हो गए, उनका बलिदान अनमोल है।

06.   भारत रत्न से सम्मानित, वह पहले जन नायक थे।   उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया, वह पहले ऐसे जन नायक थे।
सादगी, सेवा, शौर्य, सत्य, आदर्शों के गायक थे।   वे सादगी, सेवा, शौर्य और सत्य के आदर्शों को जीवन में उतारने वाले थे।
छोटे कद के बड़े काम से, सब के मन को भाए थे।   छोटे कद के होने के बावजूद उन्होंने बड़े काम किए, इसलिए वे सबके प्रिय थे।
देश प्रेम की भावना से, हर जन को जगाए थे।   उन्होंने देश प्रेम की भावना से हर व्यक्ति को जगाया था।

07.   आओ उनके गुण गाएँ, सादगी को अपनाएँगे।   आओ हम उनके गुणों का बखान करें और सादगी को अपनाएँ।
जय जवान, जय किसान की, गाथा हम दोहराएँगे।   हम "जय जवान, जय किसान" की कहानी दोहराएँगे।
ईमानदारी और मेहनत से, देश का मान बढ़ाएँगे।   ईमानदारी और कड़ी मेहनत से हम देश का गौरव बढ़ाएँगे।
शास्त्री जी अमर रहें, उनका पथ हम अपनाएँगे।   शास्त्री जी अमर रहें, हम उनके बताए रास्ते पर चलेंगे।

इमोजी सारांश (Emoji Summary) - हिंदी कविता
🇮🇳🙏🌾⚔️🚂💯🧑�🌾💂🏆❤️

--अतुल परब
--दिनांक-02.10.2025-गुरुवार.
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