महात्मा गांधी जयंती - सत्य और अहिंसा के पुजारी को नमन-1-🇮🇳🕊️🙏

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2025, 09:27:51 PM

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Atul Kaviraje

महात्मा गांधी जयंती-

अश्व पूजन और विजयादशमी के साथ ही 2 अक्टूबर 2025 को महात्मा गांधी जयंती भी है। यह दिन भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी के जन्म का स्मरण कराता है, जिन्होंने सत्य, अहिंसा और सादगी के बल पर देश को आज़ादी दिलाई।

महात्मा गांधी जयंती - सत्य और अहिंसा के पुजारी को नमन-

तिथि: 02 अक्टूबर, 2025 - गुरुवार

🇮🇳🕊�🙏 बापू: एक व्यक्ति नहीं, एक युग प्रवर्तक विचार 🙏🕊�🇮🇳

महात्मा गांधी केवल एक राजनेता नहीं थे, बल्कि वह एक युग-पुरुष थे, जिनके सत्य, अहिंसा और सादगी के सिद्धांतों ने न केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदली, बल्कि पूरे विश्व में नागरिक अधिकारों और शांतिपूर्ण प्रतिरोध (Passive Resistance) के आंदोलनों को प्रेरित किया। 2 अक्टूबर का दिन हमें उस महान आत्मा को नमन करने का अवसर देता है, जिसने प्रेम और धैर्य को दुनिया का सबसे शक्तिशाली हथियार बना दिया। उनकी शिक्षाएँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी दशकों पहले थीं।

लेख के 10 प्रमुख बिंदु (उदाहरण, प्रतीक और इमोजी सहित)

1. जीवन परिचय और 'महात्मा' उपाधि 🧑�🤝�🧑⭐
जन्म: 2 अक्टूबर, 1869, पोरबंदर (गुजरात) में।

उपाधि: उन्हें 'महात्मा' (महान आत्मा) की उपाधि रवींद्रनाथ टैगोर ने दी थी। 'राष्ट्रपिता' का संबोधन उन्हें सुभाष चंद्र बोस ने दिया था।

प्रतीक: चश्मा 👓, जो उनके दूरदर्शी विचारों और स्वच्छता (साफ-सफाई) के प्रति आग्रह को दर्शाता है।

2. अहिंसा का सिद्धांत (The Doctrine of Non-Violence) 🕊�🛑
मूलमंत्र: गांधीजी का मानना था कि अहिंसा (Non-Violence) सबसे बड़ी शक्ति है। यह कायरता नहीं, बल्कि परम साहस का प्रतीक है।

उदाहरण: उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शनों में हिंसा का रास्ता छोड़कर शांतिपूर्ण सत्याग्रह (Truth Force) का उपयोग किया।

इमोजी: शांति का प्रतीक 🕊�, जो उनके सबसे बड़े सिद्धांत को दर्शाता है।

3. सत्य और सत्याग्रह (Truth and Satyagraha) 💯💡
सत्याग्रह: 'सत्य' (सच्चाई) और 'आग्रह' (पकड़ना) से बना है। इसका अर्थ है सत्य की शक्ति पर ज़ोर देना, न कि शारीरिक बल पर।

रणनीति: गांधीजी ने दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे बड़े आंदोलनों में सत्याग्रह को मुख्य हथियार बनाया।

उदाहरण: दांडी मार्च (नमक सत्याग्रह), जहाँ उन्होंने कानून तोड़ने के लिए अहिंसक मार्च किया।

4. सादगी और स्वदेशी (Simplicity and Swadeshi) 🧵🏡
सादा जीवन: गांधीजी ने एक सादा जीवन अपनाया। उन्होंने विदेशी कपड़ों का बहिष्कार किया और खादी (हाथ से काते गए कपड़े) को अपनाया।

स्वदेशी: इसका अर्थ है अपने देश में बनी वस्तुओं का उपयोग करना। यह भारत के कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने का एक तरीका था।

प्रतीक: चरखा ☸️, जो आत्मनिर्भरता, श्रम के महत्व और स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक है।

5. अस्पृश्यता निवारण और सामाजिक समानता (Eradication of Untouchability) 🤝❤️
हरिजन: गांधीजी ने दलितों को 'हरिजन' (ईश्वर के लोग) कहकर संबोधित किया। उन्होंने सामाजिक समानता पर ज़ोर दिया।

लक्ष्य: उनका मानना था कि आज़ादी तब तक अधूरी है जब तक समाज से छुआछूत और जातिगत भेदभाव समाप्त नहीं हो जाता।

इमोजी: हाथ मिलाना 🤝, जो सामाजिक एकता और समानता का प्रतीक है।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-02.10.2025-गुरुवार.
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