सीमोल्लंघन: विजय, प्रगति और आत्म-उत्थान का महापर्व-1-🏹 ⚔️ 🌿

Started by Atul Kaviraje, October 04, 2025, 09:41:04 PM

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Atul Kaviraje

सिमोल्लंघन-

2 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी (दशहरा) का महापर्व है, और इसी दिन सीमोल्लंघन की पवित्र और प्रेरक परंपरा निभाई जाती है।

सीमोल्लंघन: विजय, प्रगति और आत्म-उत्थान का महापर्व-

तिथि: 02 अक्टूबर, 2025 (गुरुवार) - विजयादशमी

🏹 ⚔️ 🌿 सीमाओं का उल्लंघन, विजय का संकल्प 🚩🙏

सीमोल्लंघन (Seemollanghan) शब्द का अर्थ है 'सीमाओं को पार करना' या 'सीमाओं का उल्लंघन करना'। यह परंपरा विजयादशमी (दशहरा) के दिन निभाई जाती है और यह बुराई पर अच्छाई की विजय, वीरता के पूजन और जीवन में निरंतर प्रगति के संकल्प का प्रतीक है। प्राचीन काल में, यह राजाओं और सैनिकों के लिए युद्ध या विजय यात्रा पर निकलने का शुभ मुहूर्त था, क्योंकि वर्षा ऋतु समाप्त हो चुकी होती थी। आज यह परंपरा आत्मिक और मानसिक सीमाओं को तोड़ने, नए उद्यम शुरू करने और सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा देती है।

लेख के 10 प्रमुख बिंदु (उदाहरण, प्रतीक और इमोजी सहित)

1. सीमोल्लंघन का शाब्दिक और पौराणिक अर्थ (Literal and Mythological Meaning) 📜
शब्दार्थ: 'सीमा' + 'उल्लंघन' = सीमा पार करना। यह घर या गाँव की सीमा से बाहर निकलकर विजय मुहूर्त में यात्रा करने की प्रथा है।

पौराणिक आधार: माना जाता है कि इसी दिन भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए प्रस्थान किया था और पांडवों ने अज्ञातवास समाप्त कर शमी वृक्ष से अपने शस्त्र निकाले थे।

प्रतीक: धनुष और बाण 🏹 (श्री राम की विजय) और प्रस्थान का चिन्ह ➡️।

2. विजयादशमी और शुभ मुहूर्त (Vijayadashami and Auspicious Time) 📅
पर्व का समय: सीमोल्लंघन हमेशा दशमी तिथि के दिन 'विजय मुहूर्त' (लगभग दोपहर 1:46 PM से 3:21 PM तक) में किया जाता है, जिसे साढ़े तीन शुभ मुहूर्तों में से एक माना जाता है।

महत्व: इस मुहूर्त में किया गया कोई भी कार्य (यात्रा, नया व्यापार, विद्यारंभ) सफलता और समृद्धि लाता है।

इमोजी: कैलेंडर 📅 और घड़ी ⏱️ (शुभ मुहूर्त)।

3. शमी पूजन (शस्त्र पूजा) की परंपरा (Shami Pujan and Shastra Puja) ⚔️
शमी वृक्ष का महत्व: सीमोल्लंघन के लिए गाँव की सीमा के बाहर स्थित शमी वृक्ष (खेजड़ी) या अपराजिता देवी की पूजा की जाती है।

शस्त्रों का पूजन: इस दिन शस्त्र पूजन (आयुध पूजा) भी होती है, जहाँ सैनिक, पुलिस और आम जन अपने उपकरणों का पूजन कर उनमें दैवीय शक्ति का आह्वान करते हैं।

उदाहरण: मराठा साम्राज्य में भी सीमोल्लंघन के बाद ही विजय यात्राएँ शुरू होती थीं।

4. 'सोने' का आदान-प्रदान (Exchange of 'Gold') 🌿💰
प्रथा: शमी या आपटा (अश्मंतक) वृक्ष के पत्तों को 'सोना' (स्वर्ण) मानकर एक-दूसरे को बाँटा जाता है।

भाव: यह धन, समृद्धि, और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान है। यह राजा रघु और कौत्स की पौराणिक कथा पर आधारित है।

इमोजी: पत्ता 🌿 और सोने की थैली 💰।

5. राजाओं और वीरों का प्रस्थान (The Departure of Kings and Warriors) 👑
ऐतिहासिक संदर्भ: प्राचीन और मध्यकालीन भारत में, वर्षा ऋतु की समाप्ति के बाद सीमोल्लंघन कर राजा दिग्विजय (Conquest) के लिए निकलते थे।

वीरता का प्रतीक: यह परंपरा छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठा सरदारों की युद्ध नीति और शौर्य का अभिन्न अंग रही है।

प्रतीक: मुकुट 👑 और वीरता का प्रतीक 💪।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-02.10.2025-गुरुवार.
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