🌕 श्री लक्ष्मी-इंद्र पूजा: कोजागिरी पूर्णिमा पर अमृत-वर्षा और धन-समृद्धि-1-🌕🐘

Started by Atul Kaviraje, October 07, 2025, 09:52:19 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

श्री लक्ष्मी-इंद्र पूजा-

 06 अक्टूबर, 2025 को शरद पूर्णिमा/कोजागिरी पूर्णिमा मनाई जाएगी, जिस दिन रात्रि में माता लक्ष्मी और देवराज इंद्र की पूजा का विशेष विधान है।

तिथि: 06 अक्टूबर, 2025 - सोमवार (कोजागिरी पूर्णिमा)

🌕 श्री लक्ष्मी-इंद्र पूजा: कोजागिरी पूर्णिमा पर अमृत-वर्षा और धन-समृद्धि का पर्व 💰-

कोजागिरी पूर्णिमा, जिसे शरद पूर्णिमा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ तिथि मानी जाती है। यह आश्विन मास की पूर्णिमा है और इस वर्ष 06 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। इस रात्रि का मुख्य आकर्षण यह है कि चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और उसकी किरणें अमृत के समान गुणकारी मानी जाती हैं। इसी रात में, धन की देवी माता लक्ष्मी 🪷 पृथ्वी पर विचरण करती हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इस दिन श्री लक्ष्मी के साथ देवराज इंद्र 🐘 की पूजा का विशेष विधान है।

🌟 प्रतीक (Symbols), चित्र (Pictures) और इमोजी सारansh (Emoji Summary) 🪷

मुख्य प्रतीक: चंद्रमा 🌕, देवी लक्ष्मी 🪷, इंद्र देव 🐘, खीर 🍚, जागरण 🔔

भाव: धन 💰, समृद्धि ✨, आरोग्य 💪, अमृत 💧

इमोजी सारansh: 🌕🪷🐘💰✨

विवेकनपूर्ण विस्तृत लेख (Detailed and Analytical Article)
1. पर्व का नाम और तिथि 📅

उप-बिंदु   विवरण
1.1 मुख्य पर्व   शरद पूर्णिमा या कोजागरी पूर्णिमा, जो इस साल 06 अक्टूबर 2025 को है।
1.2 'कोजागरी' का अर्थ   रात्रि में देवी लक्ष्मी यह पूछने पृथ्वी पर आती हैं कि "को जागर्ति?" (अर्थात, "कौन जाग रहा है?" 🔔)। जो भक्त जागकर पूजा करते हैं, उन्हें वे आशीर्वाद देती हैं।
1.3 चंद्र कला   इस रात चंद्रमा सोलह कलाओं से युक्त होता है, जिसके कारण उसकी रश्मियाँ अमृत 💧 के समान होती हैं।

2. श्री लक्ष्मी-इंद्र पूजा का विधान 🪷🐘

उप-बिंदु   विवरण
2.1 लक्ष्मी पूजा   यह दिन माता लक्ष्मी का प्राकट्य दिवस (जन्मदिन) माना जाता है, क्योंकि वे इसी तिथि पर समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं।
2.2 इंद्र पूजा का कारण   शास्त्रों के अनुसार, इस दिन ऐरावत हाथी 🐘 पर विराजमान देवराज इंद्र की पूजा भी की जाती है, क्योंकि वे स्वर्ग के राजा और वैभव के प्रतीक हैं।
2.3 संयुक्त लाभ   लक्ष्मी की पूजा से धन 💰 और इंद्र की पूजा से वैभव तथा सुख-सुविधाओं ✨ में वृद्धि होती है।

3. पूजा विधि और सामग्री 🔔

उप-बिंदु   विवरण
3.1 व्रत संकल्प   प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें।
3.2 रात्रि पूजा   रात्रि के निशीथ काल (मध्य रात्रि) में माता लक्ष्मी और इंद्र देव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। उन्हें धूप, दीप, रोली, चंदन, कमल के पुष्प और कौड़ी अर्पित करें।
3.3 श्री सूक्त पाठ   धन की प्राप्ति के लिए इस रात्रि में श्री सूक्त 🕉� का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

4. खीर का महात्म्य और वैज्ञानिक आधार 🍚

उप-बिंदु   विवरण
4.1 खीर प्रसाद   इस दिन चावल की खीर 🍚 बनाकर उसे चाँदनी रात में खुले आसमान के नीचे रखा जाता है।
4.2 अमृत संचार   मान्यता है कि चंद्रमा की अमृतमयी किरणें खीर में समाहित हो जाती हैं, जिससे यह प्रसाद आरोग्य 💪 वर्धक बन जाता है।
4.3 सेवन   इस खीर को अगले दिन प्रातःकाल प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से अनेक स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।

5. जागरण का महत्व (को जागर्ति) 🔔

उप-बिंदु   विवरण
5.1 जागरण   भक्त इस रात्रि में मध्य रात्रि तक या पूरी रात जागरण 🔔 करते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं।
5.2 लक्ष्मी का आशीर्वाद   यह माना जाता है कि जो व्यक्ति इस रात जागता है, माता लक्ष्मी उसे धन, धान्य और समृद्धि प्रदान करती हैं।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-06.10.2025-सोमवार. 
===========================================