सुकोथ-ज्यू- सुकोथ - आस्था और आश्रय का पर्व 🇮🇱🙏-सुकोथ की पुकार -💧, 📜, 🥳

Started by Atul Kaviraje, October 10, 2025, 04:51:41 PM

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Atul Kaviraje

सुकोथ-ज्यू-

सुकोथ - आस्था और आश्रय का पर्व 🇮🇱🙏-

हिंदी कविता: सुकोथ की पुकार -

1. पहला चरण
आज तिथी पंद्रह 'तिश्रेई' आई, सुकोथ पर्व की घड़ी सुहाई। सात दिवस का यह आनंद महान, झोपड़ियों में होता भगवद् गान।
हिंदी अर्थ: आज तिश्रेई महीने की पंद्रहवीं तारीख आई है, जो सुकोथ त्योहार का सुंदर समय है। यह सात दिनों का महान आनंदोत्सव है, जिसमें अस्थायी झोपड़ियों में बैठकर ईश्वर का गुणगान किया जाता है।
प्रतीक: 📅, 🎉, 🛖

2. दूसरा चरण
छोड़ महल को, सुकाह हम सजाएँ, ईंट-पत्थर का गर्व मिटाएँ। रेगिस्तान की याद सताती, जब मेघों की छाया हमें बचाती।
हिंदी अर्थ: हम अपने पक्के घर (महल) को छोड़कर सुकाह (झोपड़ी) सजाते हैं, ताकि पक्के मकान के अहंकार को मिटा सकें। यह हमें रेगिस्तान के उन दिनों की याद दिलाती है, जब ईश्वर बादलों के रूप में हमें सुरक्षा प्रदान करते थे।
प्रतीक: 🏠➡️🛖, ☁️, 🐪

3. तीसरा चरण
छत पर डाले पत्ते की टहनी, खुले गगन से हो पहचान गहरी। तारे गिनें और हवा को महसूसें, ईश्वर ही रक्षक, यह सत्य बूझें।
हिंदी अर्थ: छत पर पेड़ के पत्ते या टहनियाँ डाली जाती हैं, जिससे खुले आसमान से गहरा संबंध महसूस हो। हम तारों को गिनते हैं और हवा को महसूस करते हैं, इस सत्य को समझते हुए कि केवल ईश्वर ही हमारे सच्चे रक्षक हैं।
प्रतीक: ⭐, 💨, 🙏

4. चौथा चरण
लूलाव, एट्रोग, हिलाएँ चारों ओर, जुड़े एकता से सब नर और नार। कोई है मीठा, कोई है सुगंधित, सब मिलकर हों प्रभु को समर्पित।
हिंदी अर्थ: लूलाव (ताड़) और एट्रोग (नींबू) जैसी चार प्रजातियों को हम चारों दिशाओं में हिलाते हैं। यह क्रिया सभी स्त्री-पुरुषों को एकता के धागे में बाँधती है। जिस प्रकार इन प्रजातियों में कोई मीठा, कोई सुगंधित है, उसी प्रकार सभी प्रकार के लोग एक साथ मिलकर प्रभु को समर्पित होते हैं।
प्रतीक: 🌿, 🍋, 🤝

5. पाँचवाँ चरण
'उश्पीज़िन' का करते हैं आह्वान, सुकाह में आते पवित्र मेहमान। अब्राहम, मूसा, दाऊद बुलाते, प्रेम और सेवा का पाठ पढ़ाते।
हिंदी अर्थ: हम 'उश्पीज़िन' (पवित्र अतिथि) का आह्वान करते हैं, जो हमारी सुकाह में आते हैं। हम अब्राहम, मूसा और दाऊद जैसे महान व्यक्तित्वों को बुलाते हैं, जो हमें प्रेम और सेवा का महत्वपूर्ण पाठ सिखाते हैं।
प्रतीक: 👨�👩�👧�👦, 😇, ❤️

6. छठा चरण
फसल कटाई का यह मंगल अवसर, धन्य हुआ है धरती का अंबर। भरें हृदय कृतज्ञता-भाव से, दूर हो जावे चिंता के घाव से।
हिंदी अर्थ: यह फसल कटाई का शुभ और आनंददायक समय है, जब धरती और आकाश दोनों धन्य होते हैं (यानी फसल अच्छी होती है)। हमें अपने हृदय को कृतज्ञता के भाव से भर लेना चाहिए, ताकि चिंता और दुख के घाव दूर हो सकें।
प्रतीक: 🌾, 🍎, 🙌

7. सातवाँ चरण
होशाना रब्बा की प्रार्थना महान, अंतिम मुहर, दे पानी का दान। शीमनी अत्ज़ेरेट का फिर आगमन, तोराह-आनंद से जीवन हो मगन।
हिंदी अर्थ: होशाना रब्बा के दिन महान प्रार्थना की जाती है, जो स्वर्ग से निर्णयों पर अंतिम मुहर लगाती है, और अच्छी बारिश का आशीर्वाद माँगती है। इसके बाद, शीमनी अत्ज़ेरेट का पर्व आता है, जहाँ तोराह (ईश्वर के कानून) के आनंद से हमारा जीवन मग्न हो जाता है।
प्रतीक: 💧, 📜, 🥳

--अतुल परब
--दिनांक-07.10.2025-मंगळवार.
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