पेडणे दसरा महोत्सव - गोवा - परंपरा, लोकदेवता और कोकणी संस्कृति का अनूठा संगम ✨🙏

Started by Atul Kaviraje, October 10, 2025, 04:54:09 PM

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Atul Kaviraje

दसरा महोत्सव-पेडणे-गोवा-

पेडणे दसरा महोत्सव - गोवा - परंपरा, लोकदेवता और कोकणी संस्कृति का अनूठा संगम ✨🙏-

हिंदी कविता: पेडणे का अनूठा दसरI-

1. पहला चरण
कोकण तट पर, उत्तरी गोवा में धाम, पेडणे है प्रसिद्ध, जहाँ बसते श्रीराम। दसरा यहाँ है, 'दासरो' उसका नाम, भगवती, रावलनाथ को झुकता सलाम।
हिंदी अर्थ: गोवा के कोंकण तट पर, उत्तरी गोवा में एक पवित्र स्थान है। पेडणे (Pernem) प्रसिद्ध है, जहाँ भगवान राम का वास है। दशहरा यहाँ 'दासरो' के नाम से जाना जाता है, जहाँ मुख्य रूप से देवी भगवती और भगवान रावलनाथ को सम्मान दिया जाता है।
प्रतीक: 🌊, 🚩, 🙏

2. दूसरा चरण
विजयदशमी से पूनव तक मेला, लोक देवताओं का चलता है खेला। 'तरंग मेल' पर भक्तगण नाचें, साड़ियों में लिपटे, दिव्य छत्र साँचे।
हिंदी अर्थ: यह उत्सव विजयदशमी से शुरू होकर पूर्णिमा तक चलता है, जहाँ लोक देवताओं की लीलाएँ (खेला) होती हैं। भक्तगण 'तरंग मेल' नामक पारंपरिक नृत्य करते हैं। ये दिव्य छत्र (तरंग) साड़ियों से लिपटे होते हैं।
प्रतीक: 📅, 💃, 🌈

3. तीसरा चरण
रावलनाथ-भगवती का होता है लग्न, सृष्टि के सुख-शांति का चलता यज्ञ। प्रकृति और पुरुष का मिलन मनाएँ, जीवन में नई फसलें फिर से आएँ।
हिंदी अर्थ: भगवान रावलनाथ और देवी भगवती का प्रतीकात्मक विवाह (शिवलग्न) होता है। यह सृष्टि में सुख और शांति के लिए किया जाने वाला एक यज्ञ है। इस उत्सव से प्रकृति और पुरुष (शिव और शक्ति) का मिलन मनाते हैं, ताकि जीवन में नई फसलें और समृद्धि आए।
प्रतीक: 💑, 🌾, 💖

4. चौथा चरण
'पावनर' की रीति अनूठी यहाँ, पाँच कुल देते हैं महाभोज जहाँ। घर-घर देवता का होता है आगमन, एकता से भर जाता सबका मन।
हिंदी अर्थ: यहाँ 'पावनर' नाम की अनूठी अतिथि सत्कार की परंपरा है, जहाँ पाँच विशिष्ट परिवार (कुल) पूरे समाज के लिए महाभोज का आयोजन करते हैं। यह माना जाता है कि इस दौरान देवता स्वयं भक्तों के घरों में आते हैं, और इस महाप्रसाद से सबका मन एकता से भर जाता है।
प्रतीक: 🍲, 🤝, 🏘�

5. पाँचवाँ चरण
राख कद्दू काटकर देते हैं सम्मान, बीते युग के बलिदानों का करते गुणगान। पूर्वजों की मुक्ति का यह है विधान, बुराई पर सदा होती अच्छाई की शान।
हिंदी अर्थ: यहाँ राख कद्दू (पेठा) काटकर (मानव बलिदान के स्थान पर) सम्मान दिया जाता है। यह अनुष्ठान उन पूर्वजों के बलिदानों का गुणगान करता है। यह अनुष्ठान पूर्वजों की आत्मा की मुक्ति का विधान है, और यह दर्शाता है कि अच्छाई की जीत सदा बुराई पर होती है।
प्रतीक: 🗡�, 👻, 👑

6. छठा चरण
शाम हुई, 'आपटे' के पत्ते हैं हाथ, सोना लुटाओ, कहो- "देना मेरा साथ।" शुभकामनाएँ और प्रेम का प्रतीक, नया जीवन हो मंगल, हो सटीक।
हिंदी अर्थ: शाम होने पर, भक्तगण एक-दूसरे को आपटे के पत्ते देते हैं। यह सोने का प्रतीकात्मक आदान-प्रदान है, और सभी एक-दूसरे से कहते हैं कि वे उनका साथ दें। यह प्रेम और शुभकामनाओं का प्रतीक है, जिससे नया जीवन शुभ और सफल हो।
प्रतीक: 🌿, 🟡, 😊

7. सातवाँ चरण
रात भर गूँजे 'गोंधळ' की थाप, पेडणे का दासरो, मिटाता संताप। हे लोकदेवता! तेरी महिमा महान, बनी रहे गोवा की लोक-पहचान।
हिंदी अर्थ: रात भर गोंधळ लोकनृत्य की थाप सुनाई देती है। पेडणे का यह दसरा उत्सव सभी के कष्टों (संताप) को मिटाता है। हे लोकदेवताओं! आपकी महिमा बहुत महान है, और गोवा की यह अनूठी लोक-पहचान हमेशा बनी रहे।
प्रतीक: 🥁, ✨, 🗺�

--अतुल परब
--दिनांक-07.10.2025-मंगळवार.
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