कार्तिक स्नानारंभ: पुण्य, तप और भक्ति का मंगलमय आरंभ-1-🌊🪔🙏🌿🪔

Started by Atul Kaviraje, October 11, 2025, 11:04:18 AM

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Atul Kaviraje

कार्तिक स्नानIरंभ-

कार्तिक स्नानारंभ: पुण्य, तप और भक्ति का मंगलमय आरंभ-

दिनांक: 07 अक्टूबर, 2025 (मंगलवार) पर्व: कार्तिक स्नानारंभ / नवान्न पूर्णिमा / महर्षि वाल्मीकि जयंती-

थीम: भक्ति भाव पूर्ण, उदाहरण सहित, विवेचनपरक विस्तृत लेख

हिंदू पंचांग के आठवें महीने कार्तिक मास का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इसे 'दामोदर मास' या 'पुण्य मास' भी कहा जाता है। आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि (जो 07 अक्टूबर 2025 को प्रातः 09:17 बजे तक है) के बाद कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि से कार्तिक स्नान का आरंभ होता है। चूँकि कुछ पंचांग में पूर्णिमा के सूर्योदय पर स्नान को भी कार्तिक स्नानारंभ माना जाता है, इसलिए 07 अक्टूबर 2025 का दिन इस पवित्र अनुष्ठान के आरंभ का साक्षी बन रहा है। यह मास भगवान विष्णु (दामोदर) और माता तुलसी को समर्पित है, जिसमें किए गए जप, तप और दान का फल अनंत गुना होता है। 🌊🪔🙏

10 प्रमुख बिंदुओं में कार्तिक स्नानारंभ का भक्तिपूर्ण एवं विवेचनपरक परिचय

1. कार्तिक मास का महत्व और आरंभ 🗓�
आरंभ तिथि (स्नान): ज्योतिषीय गणना के अनुसार, कार्तिक स्नान का आरंभ 07 अक्टूबर 2025 (मंगलवार) को शरद पूर्णिमा की समाप्ति के साथ होता है, जबकि कार्तिक माह की प्रतिपदा तिथि 08 अक्टूबर को है।

मास का महत्व: यह चातुर्मास का अंतिम महीना होता है। ऐसी मान्यता है कि इस माह में भगवान विष्णु जल में निवास करते हैं, जिससे जल स्रोतों की पवित्रता बढ़ जाती है।

प्रतीक: पंचांग (तिथि) 📅, जल कलश (पवित्रता) 🏺

2. कार्तिक स्नान का अर्थ और विधि 💦
स्नान का समय: कार्तिक स्नान सूर्य उदय से पूर्व (ब्रह्म मुहूर्त में) किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में करने का विधान है। यदि यह संभव न हो, तो घर पर ही जल में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जाता है।

विधि: स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है, और फिर भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा की जाती है। इस दौरान सात्विकता और संयम का पालन अनिवार्य है।

प्रतीक: नदी/घाट 🏞�, ठंडे पानी की बूँदें 💧

3. भगवान विष्णु (दामोदर) की आराधना 👑
विशेष पूजा: कार्तिक मास भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इस मास में भगवान के दामोदर (उन्हें यशोदा माता ने रस्सी से बाँधा था) स्वरूप की विशेष पूजा की जाती है।

फल: माना जाता है कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

उदाहरण: महाभारत काल में भीष्म पितामह ने कार्तिक मास में ही बाणों की शय्या पर रहते हुए भगवान का ध्यान किया था।

प्रतीक: शंख 🐚, चक्र 🌀

4. तुलसी पूजा और दीपदान का महात्म्य 🌿🪔
तुलसी की महिमा: कार्तिक मास में तुलसी माता की पूजा का विधान है। इस महीने तुलसी के पौधे के नीचे दीपदान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

दीपदान: दीपक ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक है, और इसे दान करने से अंधकार और अज्ञान दूर होता है। नित्य संध्या के समय तुलसी के पास दीपक जलाना सुख-समृद्धि लाता है।

प्रतीक: तुलसी का पौधा 🪴, जलता दीपक 🔥

5. दीपदान के विविध रूप (Deepdaan) 🌌
स्थान: दीपदान किसी नदी या जलाशय में, पीपल के वृक्ष के नीचे, मंदिर में या घर के द्वार पर किया जाता है।

लाभ: पद्म पुराण के अनुसार, दीपदान करने वाले को न केवल धन और वैभव की प्राप्ति होती है, बल्कि मृत्यु के बाद वैकुंठ लोक में स्थान मिलता है।

प्रतीक: तेल का दीया 🪔, पुण्य की गठरी 🎁

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-07.10.2025-मंगळवार.
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