"सुप्रभात, शनिवार मुबारक हो"-तालाब के किनारे शांत बगीचे की बेंच 🌿🧘‍♀️💧🪑🌳💧

Started by Atul Kaviraje, October 11, 2025, 01:18:00 PM

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Atul Kaviraje

"सुप्रभात, शनिवार मुबारक हो"

तालाब के किनारे शांत बगीचे की बेंच

तालाब के किनारे शांत बगीचे की बेंच 🌿🧘�♀️💧

चरण (Charan)   हिंदी कविता (Hindi Kavita)

I   इस लकड़ी के बेंच पर मैं बैठता हूँ, जहाँ काई उगी है और समय बुना हुआ है। जल्दबाजी से मुक्त, एक प्यारा ठिकाना, बीज बोने के लिए एक शांत जगह।

II   मेरे नीचे फैला है शांत जल, जो पहाड़ी के ऊपर के बादलों को दर्शाता है। तालाब का गहरा दर्पण, ठंडा और गहरा, जहाँ प्रकृति के रहस्य धीरे से सोते हैं।

III   एक आलसी कमल का पत्ता तैरता है, ग्रीष्मकालीन नीले आसमान के नीचे। एक शांत मेंढक, धैर्य से बैठा, यह कोमल, सरल शांति दिखाता है।

IV   विल्व (Willow) की रोती शाखाएँ नीचे उतरती हैं, पानी से एक दोस्त की तरह मिलने। वे सतह को चूमती हैं, कोमल और धीमी, और छोटी मछलियों को जाते हुए देखती हैं।

V   हवा खिलते गुलाबों की खुशबू से मीठी है, एक सुगंध जो सबसे कोमल हवा देती है। शहर का कोई शोरगुल, कठोर और तेज़ नहीं, बस शांति जो आवरण से निकल रही है।

VI   मैं एक पतंगे (Dragonfly) को उतरते देखता हूँ, नीलमणि प्रकाश की एक अचानक चमक। उसके फीते जैसे पंख, इतने पतले और नाज़ुक, एक छोटा जादू जो कभी विफल नहीं होगा।

VII   यह साधारण बेंच, यह उज्ज्वल पानी, आत्मा को शुद्ध खुशी से नया करता है। एक पल थमा हुआ, एक शांत उत्साह, जिसे मैं साल भर अपने साथ रखूँगा।

Emoji Saransh (Emoji Summary)
🪑🌳💧🪷🐸
(Bench + Tree/Garden + Water/Pond + Lily Pad + Frog/Nature's Calm)

--अतुल परब
--दिनांक-11.10.2025-शनिवार.
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