शुभ रविवार, सुप्रभात! (12 अक्टूबर 2025)-2-🌞 🛋️ 👨‍👩‍👧‍👦 ✨ 🕊️ 🌱

Started by Atul Kaviraje, October 12, 2025, 10:14:14 AM

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Atul Kaviraje

शुभ रविवार, सुप्रभात! (12 अक्टूबर 2025)-

एक रविवार छंद: ठहराव और वादा (5 पद)-

पद 1: स्थिरता
घड़ी खड़ी है, हवा कोमल और गहरी है, ☀️
साप्ताहिक दौड़ पीछे हटती है जबकि बोझ सोते हैं।
न कोई जल्दी का काम, न कोई ज़ोरदार, अचानक बुलावा,
बस दिन ढलने से पहले शांत कृपा।

पद 2: फिर से जुड़ना
शांति का एक प्याला, प्रकाश की ओर एक खिड़की, ✨
बिखरी हुई आत्मा के डिज़ाइन को ठीक करने का समय।
हम स्क्रीन से अपने रिश्तेदारों के चेहरों की ओर मुड़ते हैं,
जहाँ सच्चा जीवन रहता है और आनंदमय क्षण घूमते हैं।

पद 3: आभार
विशाल आकाश के नीचे धरती धीमी साँस लेती है, 🌳
हमारे पास जो कुछ भी है, उसके लिए साधारण धन्यवाद दिया जाता है।
हम उपहारों, स्वास्थ्य, उस प्रेम को गिनते हैं जिसे हम साझा करते हैं,
चिंता और परवाह से मुक्त एक पल।

पद 4: तैयारी
यद्यपि विश्राम मीठा है, हम एक कोमल विचार रखते हैं, 🧠
उन यात्राओं के लिए बीज बोना जिस पर हमें छलांग लगानी है।
मन स्पष्ट होता है, आत्मा अपनी उड़ान भरती है,
और सुबह के प्रकाश के नीचे योजनाएँ निर्धारित की जाती हैं।

पद 5: वादा
तो साँस लें, इस कीमती, सुनहरे दिन में, 💖
शांति और आशा आने वाले मार्ग को रोशन करे।
एक शुभ रविवार की कामना, एक सच्चा वादा,
आप जो कुछ भी करें उसमें आराम निवास करे। 🕊�

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-12.10.2025-रविवार. 
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