देवी दुर्गा की पूजा और उनके उपासकों को प्राप्त आध्यात्मिक आशीर्वाद-🚩🐯💖⚔️🧘

Started by Atul Kaviraje, October 12, 2025, 04:38:54 PM

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Atul Kaviraje

देवी दुर्गा की पूजा और उनके उपासकों को प्राप्त आध्यात्मिक आशीर्वाद-

देवी दुर्गा को समर्पित हिंदी कविता-

संक्षेप में इमोजी सारांश (Emoji Saaransh):
🚩🐯💖⚔️🧘

चरण 1
कविता:
दुर्गा माँ! तू है शक्ति, तू ही है आधार,
तुझसे ही चलता है, ये सारा संसार।
भक्तों का दुःख हरे, देती अभय दान,
आध्यात्मिक राह का, तू ही है विधान।
हिंदी अर्थ: हे दुर्गा माँ! आप ही शक्ति हैं, आप ही आधार हैं। आपसे ही यह सारा संसार चलता है। आप भक्तों का दुःख हरती हैं और निर्भयता का वरदान देती हैं। आध्यात्मिक मार्ग का नियम आप ही हैं।

चरण 2
कविता:
आंतरिक शत्रुओं को, तू पल में मिटाए,
क्रोध, लोभ, मोह, को दूर भगाए।
अहंकार का सिर माँ, तू ही तो कुचले,
साधक का मन माँ, तेरे चरणों में चले।
हिंदी अर्थ: आप आंतरिक शत्रुओं को पल भर में नष्ट कर देती हैं। क्रोध, लोभ और मोह को दूर भगा देती हैं। अहंकार का सिर आप ही कुचलती हैं। साधक का मन आपके चरणों में चलता है।

चरण 3
कविता:
सिंह की सवारी, निर्भयता का प्रतीक,
भय को भगाती माँ, हर विपदा से ठीक।
संकट की घड़ी में, कवच तेरा साथ,
तू ही है संरक्षक, थामे मेरा हाथ।
हिंदी अर्थ: सिंह की सवारी निर्भयता का प्रतीक है। माँ, आप भय को भगाती हैं और हर विपत्ति से बचाती हैं। संकट के समय आपका कवच साथ होता है। आप ही संरक्षक हैं, मेरा हाथ थामने वाली।

चरण 4
कविता:
नव दुर्गा के रूप में, नौ शक्तियाँ मिले,
ज्ञान और बुद्धि का, कमल मन में खिले।
सिद्धिदात्री से माँ, होवे मोक्ष का द्वार,
भवसागर से पार, तेरा ही आभार।
हिंदी अर्थ: नव दुर्गा के रूप में हमें नौ शक्तियाँ मिलती हैं। मन में ज्ञान और बुद्धि का कमल खिलता है। सिद्धिदात्री माँ से मोक्ष का द्वार खुलता है। भवसागर से पार होने के लिए आपका ही आभार है।

चरण 5
कविता:
वीणा से सरस्वती, त्रिशूल से शक्ति,
करुणा और न्याय की, तू है चरम भक्ति।
त्रिनेत्र तेरा माँ, ज्ञान की ज्वाला,
अज्ञान का अंधियारा, दूर करने वाला।
हिंदी अर्थ: वीणा से सरस्वती (ज्ञान) और त्रिशूल से शक्ति। आप करुणा और न्याय की परम भक्ति हैं। आपका तीसरा नेत्र (त्रिनेत्र) ज्ञान की ज्वाला है, जो अज्ञानता का अँधेरा दूर करता है।

चरण 6
कविता:
तपस्या और त्याग, सिखाती है पूजा,
इच्छाशक्ति जागे, न कोई दूजा।
कर्म की शुद्धि हो, मन होवे शांत,
यही है साधना, न कोई भ्रांत।
हिंदी अर्थ: आपकी पूजा तपस्या और त्याग सिखाती है। इससे इच्छाशक्ति जागती है, और कोई दूसरा नहीं बचता। कर्मों की शुद्धि होती है, मन शांत होता है। यही सच्ची साधना है, इसमें कोई भ्रम नहीं है।

चरण 7
कविता:
करूँ वंदन माँ! आत्म-निवेदन है,
चरणों में तेरे माँ, मेरा समर्पण है।
आशीर्वाद तेरा माँ, जीवन का सार,
दुर्गा माँ की शक्ति, रहे सदा अपार।
हिंदी अर्थ: हे माँ, मैं आपको वंदन करता हूँ! यह मेरा आत्म-समर्पण है। आपके चरणों में ही मेरा समर्पण है। आपका आशीर्वाद ही जीवन का सार है। दुर्गा माँ की शक्ति हमेशा अपार रहे।

--अतुल परब
--दिनांक-10.10.2025-शुक्रवार.
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